________________ [ 44 ] "धर्मोपगरण" ऐसा लिखकर सारा मामला गोलमोल ही रखा है। यानी अभयकुमार ने प्रार्द्रकुमार को "धर्मोपगरण" के रूप में क्या जिनप्रतिमा भेजी थी? क्या मुंहपत्ती का टुकड़ा भेजा था? क्या सामायिक करने का प्रासन भेजा था ? क्या पोधा ( रजोहरण ) भेजा था? क्या पूजनी भेजी थी ? प्रश्न तो यह होता है कि प्राचार्य माने जाने वाले हस्तीमलजी "जिन प्रतिमा" के विषय में झूठ का सहारा लेकर बेईमानी क्यों कर रहे हैं ? woman टीका चूणि भाष्य उवख्या, उवेखी नियुक्ति / प्रतिमा द्वेषे सूत्र उवेख्या, दूर रही तुझ मुक्ति / -न्यायविशारद पूज्य यशोविजयजी उपाध्यायजी