________________ [ 94 ] (10) सूर्य, चन्द्र, मंगल आदि ज्योतिष देवों के विमानों का अस्तित्व, जहाँ रोकेट आदि द्वारा मनुष्य अब भी नहीं पहुंच पाया है। (11) जनु आदि 60 हजार सगरपुत्रों की तीर्थरक्षा में एक साथ मृत्यु / (12) एकेन्द्रिय से पंचेन्द्रिय तक के सम्मूच्छिम ( मातापिता के संयोग के बिना जन्मे हुए ) जीव / (13) इस अवसर्पिणी काल के दश आश्चर्य / (14) धर्मास्तिकाय और अधर्मास्तिकाय का अस्तित्व / (15) स्वर्ग और नरक आदि का होना / (16) अोस के जीवों की रक्षा हेतु कालवेला में सुविहित मुनियों द्वारा कम्बल का उपयोग करना। (17) रजस्वला स्त्री की अपवित्रता और उसके लिये स्वाध्याय निषेध / (18) संगम का कालचक्र आदि देवकृत भयंकर उपसर्ग होने पर भी भगवान महावीर की मृत्यु का न होना। (16) विद्युत्-बिजली आदि अग्निकाय एकेन्द्रिय जीव है। (20) वायु एकेन्द्रिय जीव है। (21) आलू, मूली, गाजर आदि जमीकन्दों में अनन्त जीव का होना और दयाधर्मी को वे नहीं खाना चाहिए ऐसी श्रद्धा और विश्वास संपादन करना।