________________ [ 47 ] खंड-१, पृ० 352 से 362 तक में जरासंध और कृष्ण की लड़ाई का लंबा चौड़ा वर्णन त्रिषष्ठि शलाका पुरुष चरित्र, चउवन महापुरिष चरियं, वसुदेव हिन्डी आदि प्रागमेतर प्राचीन जैन साहित्य से करने वाले प्राचार्य हस्तीमलजी ने "श्री नेमिनाथ ने शंख ध्वनि की" इस बात का जिक्र किया है, किन्तु पद्मावती देवी प्रदत्त पार्श्वनाथ की प्रतिमा के अभिषेक जल से यादव सैन्य की जरा की बीमारी नष्ट हुई भादि बहुत से तथ्यों पर पर्दा डाल दिया है, यह कितना प्राश्चर्य है ! इतिहास लिखने बैठे हैं और ऐतिहासिक तथ्य को छिपा रहे हैं, ऐसे इतिहास को कौन सत्य मानेगा? विषम काले जिनबिंब जिनागम भविजन को आधारा।