________________ 88887 जीव विचार प्रकरण P ARTS विशेष विवेचन जीव विचार प्रकरण को प्रमुखतया दो भागों में विभक्त किया जा सकता है - प्रथम भाग में जीव राशि के कुल 563 भेदों का प्रस्तुतीकरण है और दूसरे विभाग में पांच सौ त्रेसठ भेदों का पांच द्वारों के द्वारा विशेष विवेचन हैं / . पांच द्वार (1) शरीर या अवगाहना द्वार - इस द्वार के अन्तर्गत जीवों लम्बाई बताई जाती है / उनका शरीरमान जघन्य और उत्कृष्ट, दोनों प्रकारों से प्रस्तुत किया जायेगा। (2) आयुष्य द्वार - किस जीव का न्यूनतम (जघन्य) आयुष्य कितना है और उत्कृष्ट (अधिकतम) आयुष्य कितना है, उसका विवेचन आयुष्य द्वार में समाहित होता है। (3) स्वकाय स्थिति द्वार - कौनसा जीव कितनी बार उसी काया (भव-पर्याय) में जन्म-मरण करता है, इस पदार्थ का निरुपण स्वकाय स्थिति द्वार करता है / (4) प्राण द्वार - किस जीव में कितने प्राण होते हैं, इसका वर्णन प्राण द्वार करता है। (5) योनिद्वार - एकेन्द्रिय आदि जीवों की कितनी योनियाँ होती हैं, इसका विवेचन करने वाला योनि द्वार कहलाता है। प्रथम अवगाहना द्वार का कथन एकेन्द्रिय जीवों के शरीर की ऊंचाई गाथा अंगुल असंख-भागो सरीरमेणिदियाणं सव्वेसिं / जोयण सहस्स-महियं नवरं पत्तेय-रुक्खाणं // 27 // अन्वय सव्वेसिं एगिदियाणं सरीरं अंगुल असंखभागो नवरंपत्तेय रुक्खागंजोयण सहस्सं-अहियं // 27 // संस्कृत छाया | अंगुलासंख्येय भागः शरीरमेकेन्द्रियाणां सर्वेषाम् / योजन सहस्रमधिकं नवरं प्रत्येक-वृक्षाणाम् // 27 //