________________ 388 जीव विचार प्रश्नोत्तरी BIRBIRTHIS दूसरी नरक 40 भेद-१५ कर्मभूमिज मनुष्य 20 भेद-१५ कर्मभूमिज मनुष्य एवं 5 संज्ञी तिर्यंच एवं 5 संज्ञी तिर्यंच पर्याप्ता (पर्याप्ता एवं अपर्याप्ता) तीसरी नरक 40 भेद-१५ कर्मभूमिज मनुष्य संज्ञी भुजपरिसर्प के अलावा 5 संज्ञी तिर्यंच 19 भेद पूर्ववत् (पर्याप्ता एवं अपर्याप्ता) चौथी नरक 40 भेद (प्रथम नरक के समान) संज्ञीखेचर एवं संज्ञी भुज . परिसर्प के अलावा 18 भेद . पूर्ववत् पांचवीं नरक 40 भेद (प्रथम नरक के समान) चौथी नरक के 18 भेदों में से संज्ञी चतुष्पद स्लथचर कम = 17 भेद छट्ठी नरक 40 भेद (प्रथम नरक के समान) पांचवीं नरक के 17 भेदों में से संज्ञी उरपरिसर्प कम =16 भेद सातवीं नरक 10 भेद- पांच संज्ञी तिर्यंच 15 कर्मभूमिज मनुष्य और संज्ञी पर्याप्ता एवं अपर्याप्ता जलचर = 16 भेद / 312) किन कारणों से नारकी मनुष्य लोक में नहीं आ सकते हैं ? उ. चार कारणों से - 1) अत्यधिक दुःख होने से 2) नरकपाल के रोकने से 3) नरकायु के समाप्त नहीं होने से 4) नरक-कर्मों का क्षय नहीं होने से। 313) समकित युक्त जीव कितनी नरक में जा सकता हैं? उ. प्रथम छह नरकों में जीव समकित सहित जा सकता है। सातवीं नरक में समकित का / वमन करके अर्थात् मिथ्या दर्शन सहित ही जाता है। 314) पहले वजऋषभनाराच संघयण वाला किस नरक तक जा सकता हैं ? 3. सातवीं नरक तक।