________________ " सावा सकतहा . THIS जीव विचार प्रश्नोत्तरी N EETHER सास्वादन सम्यक्त्व हो सकता है। बारह वैमानिक देवों, नवलोकान्तिक, नवग्रैवेयक देवों में क्षायिक सहित चारों सम्यक्त्व पाये जाते हैं। पांच अनुत्तर वैमानिक देवों में क्षायिक और क्षायोपशमिक रूप दो सम्यक्त्व हो सकते हैं। 525) देवियों में कितनी लेश्या होती हैं ? उ. ज्योतिष्क विमान तक की देवियों में देवों के समान चार लेश्या होती हैं / उसके उपर की वैमानिक देवियों में मात्र तेजो लेश्या ही होती है। . .. 526) मनुष्य लोक में कौनसे देव आते हैं ? उ. भवनपति, व्यंतर, ज्योतिष्क, वैमानिक आदि कल्पोपन्न देव ही किसी निमित्त से मनुष्य लोक में आते हैं। कल्पातीत हमेशा एक ही स्थान पर ही रहते हैं / वे मनुष्य लोक में नहीं आते हैं। 527) देवों के कौनसा जन्म होता हैं? उ. औपपातिक। 528) परमाधामी किस निकाय के देव हैं? - उ. भवनपति निकाय के असुरकुमार में रहने वाले एक जाति के देव हैं। 529) परमाधामी देवों की मरने के पश्चात् क्या गति होती है ? उ. परमाधामी देव मरने के बाद अंडगोलिक मनुष्य बनते हैं / वहाँ एक वर्ष तक भयंकर यातना भोगने के पश्चात् मरकर नरक में उत्पन्न होते हैं। 530) देवों की ऊँचाई कितनी होती हैं ? उ. 1) भवनपति, व्यंतर, वाणव्यंतर, तिर्यग्नुंभक, ज्योतिष्क, परमाधामी, पहले और दूसरे देवलोक के देवों की एवं पहले किल्बिषिक के देवों की अवगाहना सात हाथ की होती हैं। 2) तीसरे-चौथे देवलोक एवं दूसरे किल्बिषिक के देवों की अवगाहना छह हाथ की . होती है। 3) पांचवें एवं छठे देवलोक, नवलोकान्तिक एवं तीसरे किल्बिषिक के देवों की अवगाहना पांच हाथ की होती है।