Book Title: Jeev Vichar Prakaran
Author(s): Manitprabhsagar
Publisher: Manitprabhsagar

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Page 270
________________ . 10 REARRIORSHIV जीव विचार प्रश्नोत्तरी 00 908 6) पृथ्वीकाय से आये 7) अप्काय से आये / 8) वनस्पतिकाय से आये तेउ-वायुकाय से आये सिद्धि नहीं 10) मनुष्य गति से आये (पुरूष वेद से आये) 11) मनुष्य गति से आये (स्त्री वेद से आये) . 20 12) भवनपति देवों से 13) भवनपति देवियों से 14) व्यंतर देवों से 15) व्यंतर देवियों से . 16) ज्योतिष्क देवों से 17) ज्योतिष्क देवियों से ..... - 20 / 18) वैमानिक देवों से , 19) वैमानिक देवियों से 639) वेद की अपेक्षा से एक समय में कितने सिद्ध हो सकते हैं ? उ. 1) पुरूष से पुरूष होकर 108 2) पुरूष से स्त्री-नपुंसक होकर 10 / 3) स्त्री से पुरूष-स्त्री-नपुंसक होकर 4) नपुंसक से पुरूष-स्त्री-नपुंसक होकर 10 640) सिद्ध गति कितने समय तक सिद्धि से रहित कही गयी है ? (विरह काल) उ. जघन्य से एक समय और उत्कृष्ट से छह माह / 641) सिद्धों के आठ गुण कौनसे है ? उ. 1) अनन्त ज्ञान 2) अनन्त दर्शन 3) अनन्त चारित्र 4) अक्षय स्थिति 5) अगुरूलघुपन 6) अरूपीत्व 7) अनन्त वीर्य 8) अनन्त सुख।

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