Book Title: Jeev Vichar Prakaran
Author(s): Manitprabhsagar
Publisher: Manitprabhsagar

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Page 302
________________ SHTASSETTEST जीव विचार प्रश्नोत्तरी 0 उ. हड्डियों के दोनों तरफ मर्कटबंध न हो, केवल एक तरफ ही मर्कट बंध हो और दूसरी तरफ कील हो, उसे अर्द्धनाराच संघयण कहते है / 832) कीलिका संघयण किसे कहते है ? उ. हड्डियाँ दोनों तरफ मर्कटबंध से बंधी हुई न हो पर उसके उपर कील हो, उसे कीलिका संघयण कहते है। 833) सेवार्त संघयण किसे कहते है ? उ. दोनों हड्डियाँ मात्र एक-दूसरे से स्पर्श की हुई हो परन्तु न मर्कटबंध हो, न कील हो, उसे सेवा संघयण कहते है / 834) संस्थान किसे कहते है ? .. उ. शरीर के आकार को संस्थान कहते है। 835) समचतुरस्र संस्थान किसे कहते है ? उ. पालथी लगाने पर दायें घुटने से बाये कंधे का, बाये घुटने से दाये कंधे का, दोनों घुटनों के बीच का एवं मस्तक और पालथी का, इन चारों के बीच का अन्तर समान हो, उसे समचतुरस्र संस्थान कहते है। 836) न्यग्रोध परिमंडल संस्थान किसे कहते है ? उ. नाभि के उपर के अवयव सामुद्रिक शास्त्र के प्रमाणों से युक्त हो परन्तु नाभि के नीचे का भाग अप्रमाणिक हो, उसे न्यग्रोध परिमंडल संस्थान कहते है। 837) सादि संस्थान किसे कहते है ? उ. नाभि के नीचे के अवयव अप्रामाणिक हो परन्तु उपर के अवयव प्रामाणिक हो, उसे सादि संस्थान कहते है। 838) वामन संस्थान किसे कहते है ? उ. मस्तक, ग्रीवा, हाथ, पाँव प्रामाणिक हो और छाती, पेट आदि अवयव अप्रामाणिक - हो, उसे वामन संस्थान कहते है / 839) कुब्ज संस्थान किसे कहते है ? उ. छाती, पेट वगैरह अवयवों को छोडकर मस्तक, ग्रीवा, हाथ, पाँव अप्रामाणिक हो,

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