Book Title: Jeev Vichar Prakaran
Author(s): Manitprabhsagar
Publisher: Manitprabhsagar

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Page 308
________________ HERE जीव विचार प्रश्नोत्तरी TRITIES 879) चक्षुरिन्द्रिय प्राण किसे कहते है ? उ. जिस प्राण से जीव देखता है उसे चक्षुरिन्द्रिय प्राण कहते है / 880) श्रोतेन्द्रिय प्राण किसे कहते है ? उ. जिस प्राण से जीव शब्द श्रवण करता है, उसे श्रोतेन्द्रिय प्राण कहते है / 881) मनोबल प्राण किसे कहते है ? : उ. जिस शक्ति से जीव सोचता है, उसे मनोबल प्राण कहते है। 882) वचन बल किसे कहते है ? उ. जिस शक्ति से जीव भाषा का उच्चारण करता है, उसे वचन बल प्राण कहते है / 883) काय बल प्राण किसे कहते है ? उ. जिस शक्ति से जीव.कायिक प्रवृत्तियाँ करता है, उसे काय बल प्राण कहते है। 884) श्वासोच्छ्वास प्राण. किसे कहते है ? उ. जिस शक्ति से जीव श्वास लेता है और छोडता है, उसे श्वासोच्छ्वास प्राण कहते है। 885) आयुष्य प्राण किसे कहते है ? उ. जिस शक्ति से जीव शरीर में जीता है, रहता है, उसे आयुष्य प्राण कहते है। 886) गुणस्थानक किसे कहते है ? उ. गुणों की तरतमता (अल्पता-अधिकत्म) के आधार पर जीवों का विभाजन करें, उसे गुणस्थानक कहते है। 887) मिथ्यादृष्टि गुणस्थानक किसे कहते है ? उ. अतत्त्व के प्रति तत्त्व श्रद्धा रखने वाले मिथ्यात्वी जीव के गुणस्थानक को मिथ्यादृष्टि .गुणस्थानक कहते है। 888) सास्वादन गुणस्थानक किसे कहते है ? उ. उपशम सम्यक्त्व से गिरने के बाद जीव को जिस गुणस्थानक में सम्यक्त्व का थोडा - आस्वाद रहता है, उसे सास्वादन गुणस्थानक कहते है / 889) मिश्र दृष्टि गुणस्थानक किसे कहते है ? उ. जिस गुणस्थानक में जीव को तत्त्व पर न श्रद्धा होती है, न अश्रद्धा होती है, उसे

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