________________ . SHRISTIRE जीव विचार प्रश्नोत्तरी SERIES वालुकाप्रभा (साधिक तीन सागरोपम आयुष्य से अधिक आयुष्य) नील 2 पंकप्रभा नील धूमप्रभा (साधिक दस सागरोपम आयुष्य तक) नील धूमप्रभा (साधिक दस सागरोपम आयुष्य से अधिक आयुष्य) कृष्ण 2 तमःप्रभा, तमस्तमः प्रभा कृष्ण 4 प्रत्येक नरक में नारकी के दो भेद होते हैं, इस अपेक्षा से छह भेदों में कापोत लेश्या, छह भेदों मे नील लेश्या एवं छह भेदों में कृष्ण लेश्या पायी जाती हैं। 620) देवों के कितने भेदों में कौन-२ सी लेश्या पायी जाती हैं? उ. देवताओं के 198 भेदों में निम्न प्रकार लेश्याएँ हो सकती हैं। ... देवता .. लेश्या भेद . 1 परमाधामी, व्यंतर, वाणठ्यंतर, तिर्यग्नुंभक, भवनपति कृष्ण 102 2 व्यंतर, वाणंव्यतर, तिर्यग्भक, भवनपति नील 72 3 व्यंतर, वाणव्यंतर, तिर्यग्भक, भवनपति कापोत 72 4 भवनपति, व्यंतर, वाणव्यंतर, ज्योतिष्क, पहला किल्बिषिक, 1 ला-२ रा देवलोक, तेजो 55 दूसरा किल्बिषिक, 3-4-5 देवलोक, नवलोकांतिक पद्म 6 तीसरा किल्बिषिक, 6 से 12 वां देवलोक, शुक्ल 44 नवग्रैवेयक, पांच अनुत्तर 621) जीव के 563 भेदों में से कितने भेद चारों कषाय युक्त होते हैं ? उ. सभी 563 भेदों में कषाय होता हैं। 622) जीव के 563 भेदों में से कितने भेद चारों कषाय से मुक्त हो सकते हैं ? उ. कर्मभूमिज गर्भज पर्याप्ता मनुष्य के 15 भेद ही कषाय मुक्त हो सकते हैं क्योंकि वे ही वीतराग अवस्था को उपलब्ध हो सकते हैं।