________________ SARTAINMENT जीव विचार प्रश्नोत्तरी RRRRRRRRER 5) धातकी खण्ड में जीव के 563 भेदों में से 102 भेद पाये जाते हैं। दो भरत क्षेत्र, दो ऐरावत क्षेत्र, दो महाविदेह क्षेत्र, दो हिमवत क्षेत्र, दो हिरण्यवंत क्षेत्र, दो हरिवर्ष क्षेत्र, दोरम्यक्क्षेत्र, दो देवकुरू क्षेत्र, दो उत्तरकुरू क्षेत्र, इन अठारह क्षेत्रों में गर्भज पर्याप्ता, गर्भज अपर्याप्ता और संमूर्छिम अपर्याप्ता मनुष्य होने से कुल 54 भेद हुए और तिर्यंच के 48 भेद शामिल करने से कुल 102 भेद हुए। 6) कालोदधि में मात्र तिर्यंचों के 48 भेद पाये जाते हैं। 7) अर्द्धपुष्करवर द्वीप के भेद 102 धातकी खण्ड की भाँति होते हैं -48 (तिर्यंच) + 54 (मनुष्य) = 102 8) अढी द्वीप में मनुष्य के कुल 303 भेद एवं तिर्यंच 48 भेद मिलाकर 351 भेद हुए। 626) संसारी जीवों के 163 भेदों में से कितने भेव अटीद्वीप के बाहर मिलते उ.. अढीद्वीप के बाहर 563 भेदों में से 118 भेद पाये जाते हैं तिर्यंच- 46 (बादर तेउकाय के दो भेदों को छोडकर) .. व्यंतर देव- 16 (अपर्याप्ता-पर्याप्ता) वाणव्यंतर देव- १६(अपर्याप्ता-पर्याप्ता) तिर्यग्भ क देव- २०(अपर्याप्ता-पर्याप्ता) ज्योतिष्क देव- 20 (अपर्याप्ता-पर्याप्ता) कुल- 118 627) नंदीश्वर दीप, नंदीश्वर समुद्र, मेरूगिरि में कितने भेव पाये जाते हैं ? उ. नंदीश्वर द्वीप-समुद्र में बादर तेउकाय के दो भेदों के अलावा तिर्यंच के 46 भेद एवं मेरूगिरि में तिर्यंच के 48 भेद पाये जाते हैं। 628) अधोलोक में 563 भेदों में से कितने भेव पाये जाते हैं? उ. नरक के 14 भेद (अपर्याप्ता- पर्याप्ता) .. भवनपति के 20 भेद (अपर्याप्ता- पर्याप्ता) परमाधामी के . 30 भेद (अपर्याप्ता- पर्याप्ता)