________________ SHETRITEST जीव विचार प्रश्नोत्तरी SSETTE उ. चारों ही कषाय पाये जाते हैं। 511) देवों में कितनी लेश्याएँ पायी जाती हैं ? उ. परमाधामी देवों में केवल कृष्ण लेश्या ही पायी जाती है। भवनपति, व्यंतर, वाणव्यंतर, तिर्यग्भक देवों मे कृष्ण, नील, कापोत एवं तेजोलेश्या पायी जाती है। ज्योतिष्क देव, पहले-दूसरे देवलोक, पहले किल्बिषिक में मात्र तेजोलेश्या ही पायी जाती हैं। तीसरे-चौथे-पांचवें देवलोक के देवों में, नवलोकान्तिक और दूसरे किल्बिषिक देवों में पद्मलेश्या ही होती है। छठे देवलोक से बारहवें देवलोक तक, नवग्रैवेयक एवं अनुत्तर विमान तक के सभी देवों में मात्र शुक्ल लेश्या ही होती है। 512) तीन योगों में से कितने योग देवों में पाये जाते हैं ? उ. तीनों योग देवों में पाये जाते हैं। 513) देवों में कितने उपयोग पाये जाते हैं ? उ. नौ उपयोग- 1) मतिज्ञान 2) श्रुतज्ञान 3) अवधिज्ञान 4) मति अज्ञान 5) श्रुत अज्ञान 6) विभंगज्ञान (अवधि अज्ञान) 7) चक्षु दर्शन 8) अचक्षु दर्शन 9) अवधि दर्शन (विभंग दर्शन)। परमाधामी देवों में तीन अज्ञान और तीन दर्शन होते हैं / भवनपति, व्यंतर, वाणव्यंतर, ज्योतिष्क, तिर्यग्नुंभक, बारह वैमानिक, नवलोकन्तिक, तीन किल्बिषिक, नवग्रैवेयक देवों में नौ उपयोग होते हैं / अनुत्तर वैमानिक देवों में तीन ज्ञान और तीन दर्शन होते 514) देव अवधिज्ञान के द्वारा कितना क्षेत्र जानते हैं ? उ. भवनपति देव जघन्य से पच्चीस योजन और उत्कृष्ट से असंख्यात द्वीप समुद्र, वाण व्यंतर देव जघन्य से पच्चीस योजन एवं उत्कृष्ट से संख्यात द्वीप समुद्र, ज्योतिष्क देव जघन्य से संख्यात द्वीप समुद्र और उत्कृष्ट रूप से संख्यात द्वीप समुद्र, वैमानिक देव जघन्य से अंगुल का असंख्यातवां भाग और उत्कृष्ट से अधोलोक में स्थित सातवीं नरक के चरमान्त तक, तिर्छालोक के असंख्यात द्वीप समुद्र और ऊपर अपने विमानों