________________ PERTRESERT जीव विचार प्रश्नोत्तरी SITERATSETTES उ. 1) गति- गमनागमन क्रिया की शक्ति और गमन करने की प्रवृत्ति उत्तरोत्तर कम होती 2) शरीर- शरीर की अवगाहना (ऊँचाई) उत्तरोत्तर कम होती है। 3) परिग्रह- विमान आदि का परिग्रह नीचे के देवों की अपेक्षा उपर के देवों में कम होता 4) अभिमान- शरीर, शक्ति, क्षमता, परिवार, ऋद्धि आदि का अभिमान लेश्या-विशुद्धि कारण कम होता जाता हैं। 502) देवों के शरीर का वर्ण कैसा होता हैं ? उ. सौधर्म-ईशान स्वर्ग के देवों की काया का वर्ण तपे हए सोने के समान होता है। ___ अगले तीन देवलोक के देवों का काय वर्ण पद्मकेसर के समान गौरा होता है। आगे के देवलोक के देवों का देह वर्ण उत्तरोत्तर शुक्ल होता है। 503) देवों में अशाता वेदनीय कर्म का उदय काल कितना होता हैं ? उ. देवों के प्रायः शाता वेदनीय का ही उदय होता है। कभी अशाता का उदय हो तो वह __ भी अन्तर्मुहूर्त से लेकर छह मास का ही होता है। छह मास से अधिक नहीं हो सकता। 504) देवताओं का आहार ग्रहण करने का काल कितना होता हैं ? उ. जिन देवों का आयुष्य दस हजार वर्ष हैं, वे देव एक-एक दिन के अन्तराल में आहार ग्रहण करते हैं। पल्योपम की आयु वाले देव दिन पृथक्त्व (दो दिन से लेकर नौ दिन) के बाद आहार लेते हैं। जिन देवों की जितने सागरोपम की स्थिति हैं, वे देव उतने हजार वर्ष पश्चात् आहार ग्रहण करते हैं। . . 505) देवताओं के उच्छ्वास का काल कितना होता हैं ? उ. देवताओं की जैसे-जैसे आयु बढती जाती है, वैसे-वैसे उच्छ्वास का काल भी बढता जाता है। दस हजार आयु स्थिति वाले देवताओं का सात-सात स्तोक में एक-एक उच्छ्वास होता है। एक पल्योपम की स्थिति वाले देवताओं का एक दिन