________________ RANSIBHITI जीव विचार प्रश्नोत्तरी NISTRATHI 497) देवों के गले में रही हुई पुष्प-माला कब मुरझाती हैं? उ. मृत्यु से छह महिने पहले। 498) देवों की शारीरिक संरचना का वर्णन कीजिये ? उ. देवों का स्त्री-पुरूष संयोग के बिना औपपातिक जन्म होता है। उनकी काया स्वस्थ, सुन्दर एवं निरोगी होती है। मल, पसीने, दुर्गन्ध से रहित पवित्र परमाणुओं से बनी हुई होती है / कमल जैसी खुशबू बिखेरती काया कंचन के समान होती है। जन्म से ही वे सोलह वर्षीय दिव्य नौजवान जैसे दिखाई देते हैं। .. वे असमय में वृद्ध नहीं होते हैं, मरते नहीं हैं / मृत्यु होते ही उनके शारीरिक पुद्गल हवा में बिखर जाते हैं। उनमें दुर्गंध नहीं आती है। 499) देवता किस प्रकार आहार ग्रहण करते हैं? ... उ. वे मनुष्य की तरह आहार ग्रहण नहीं करते हैं। जब भी उनको भोजन की इच्छा होती है। इच्छा के संकल्प में परिणत हो जाने पर उत्तम पुद्गल शरीर में प्रविष्ट हो जाते हैं। अमीरस पान की तरह डकार आती है और उनकी क्षुधा शान्त हो जाती है। 500) वे सात बातें कौनसी हैं जो ऊपर-२ के देवों में बढती जाती हैं ? उ. 1) स्थिति (आयुष्य)- ज्यों-ज्यों उपर की ओर बढते हैं, आयुष्य बढता जाता हैं। 2) प्रभाव - प्रभाव अर्थात् निग्रह-अनुग्रह, अणिमा-लघिमा सिद्धियों की क्षमता, शक्ति ऊपर-२ के देवों में अधिक होती है। 3) सुख- दैव्य सुख भी उत्तरोत्तर वृद्धि को प्राप्त करता है। 4) द्युति- शरीर, वस्त्र, आभूषण आदि की द्युति-कान्ति नीचे के देवों की अपेक्षा उपर के देवों की अधिक होती हैं। 5) लेश्या विशुद्धि- लेश्या विशुद्धि भी क्रमशः बढती जाती है। 6) इन्द्रिय विषय- इष्ट विषय को ग्रहण करने का सामर्थ्य भी बढ़ता जाता है। 7) अवधि विषय- अवधिज्ञान का विषय भी उत्तरोत्तर वृद्धि को प्राप्त करता है। 501) वे चार बातें कौनसी हैं जो नीचे के देवों की अपेक्षा ऊपर के देवों में कम होती हैं ?