________________ SERIE जीव विचार प्रश्नोत्तरी SHETTER एक उच्छ्वास होता है। जिनका जितने सागरोपम का आयुष्य होता है, उतने पक्ष में एक उच्छ्वास होता है। 506) देवताओं का किस प्रकार का कामसुख होता हैं ? उ. 1) भवनपति, व्यंतर, ज्योतिष्क, वाणव्यंतर, तिर्यग्नुंभक देव तथा प्रथम सौधर्म तथा द्वितीय ईशान देवलोक तक के देव मनुष्य की भाँति कामसुख का सेवन करते 2) तीसरे सनत्कुमार एवं चौथे माहेन्द्र देवलोक के देव, देवियों के स्पर्श से ही तृप्त हो जाते हैं। 3) पांचवें ब्रह्मलोक एवं छटेलांतक कल्प के देव, देवियों के श्रृंगार-रूप को देखकर ही संतुष्टि प्राप्त कर लेते हैं। 4) सातवें महाशुक्र एवं आठवें सहस्रार स्वर्ग के देव, देवियों के शब्द सुनकर ही कामसुख का अनुभव कर लेते हैं। 5) नौवें से बारहवें देवलोक के देवों की कामेच्छा देवियों के चिन्तन से ही पूर्ण हो जाती 6) बारहवें देवलोक से उपर नवग्रैवेयक और पांच अनुत्तर वैमानिक देव कामवासना से मुक्त होते हैं / इस प्रकार कामवासना क्रमशः कम होती जाती है। 507) देवियाँ कितने देवलोक तक होती हैं? उ. देवियाँ दूसरे देवलोक तक होती हैं / वे आठवें देवलोक तक जा सकती हैं, उससे उपर __ नहीं जा सकती। 508) देवों में कौनसा संघयण पाया जाता हैं ? . उ. देव संघयण रहित होते हैं। 509) देवों में कौनसे संस्थान पाये जाते हैं ? उ. समचतुरस्र संस्थान रूप भवधारणीय एक ही संस्थान होता है परन्तु उत्तर वैक्रिय शरीर के कारण छहों संस्थान हो सकते हैं। 510) देवों में कितने कषाय पाये जाते हैं ?