________________ SHRISTIDESH जीव विचार प्रश्नोत्तरी HERBETTERTERS से नहीं। 3) प्रथम तीन नरकों से आने वाला जीव ही तीर्थंकर हो सकता है, शेष नरकों से नहीं। 4) प्रथम चार नरकों से आने वाला जीव ही केवली हो सकता है, शेष नरकों से नहीं। 5) प्रथम पांच नरकों से आने वाला जीव ही साधु हो सकता है, शेष नरकों से नहीं। 6) प्रथम छह नरकों से आने वाला जीव ही श्रावक हो सकता है, शेष नरक से नहीं। 7) सातों ही नरकों से आने वाला जीव सम्यक्त्वी हो सकता है। 306) नारकी जीवों के कितने भेद होते हैं ? .. उ. सातों नरक के नारकी जीव पर्याप्ता एवं अपर्याप्ता दोनों होते हैं, अत: नारकी जीवों के से कुल चौदह भेद होते हैं। 307) नारकी जीवों की कैसी आयु होती है ? उ. निरूपक्रमी। 308) नारकी असंज्ञी होते हैं अथवा नहीं ? उ. नारकी अपर्याप्त अवस्था में ही असंज्ञी होते हैं। पाप्तियाँ पूर्ण कर लेने के बाद नियमत: संज्ञी ही होते हैं। 309) नारकी अपर्याप्त अवस्था में मरते हैं या नहीं ? उ. नारकी जीवों की मृत्यु हमेशा पर्याप्त अवस्था में ही होती हैं। 310) प्रथम छह नरक के नारकी कहाँ-कहाँ उत्पन्न हो सकते हैं ? उ. प्रथम छह नरक के नारकी पंचेन्द्रिय जाति में ही उत्पन्न होते हैं। पंचेन्द्रिय में भी मनुष्य एवं तिर्यंच गति में ही उत्पन्न होते हैं / अर्थात् एकेन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय, देवलोक एवं नरक में उत्पन्न नहीं होते हैं। 311) प्रथम नरक से सातवीं नरक तक की गति एवं आगति बताओ ? उ. नरक गति आगति प्रथम नरक 40 भेद-१५ कर्मभूमिज मनुष्य 25 भेद-१५ कर्मभूमिज मनुष्य एवं 5 संज्ञी तिर्यंच एवं 5 संज्ञी तिर्यंच प. पर्याप्ता (पर्याप्ता एवं अपर्याप्ता) एवं 5 असंज्ञी तिर्यंच प. अपर्याप्ता