________________ STERBETEST जीव विचार प्रश्नोत्तरी NHARYANA रूप में प्रसिद्ध हैं। ये देव जिस पर प्रसन्न हो जाते हैं, उसे धन-संपत्ति से परिपूर्ण कर देते हैं और जिस पर कुपित हो जाते हैं, उसे दुःखी करते हैं / घाटा पहुंचाते हैं / इनके दस भेद हैं :1) अन्नमुंभक देव- अन्न के परिमाण को घटाना-बढाना एवं सरस-नीरस बनाना। ' 2) पानमुंभक देव- पानी को घटाना-बढाना। 3) वस्त्रनुंभक देव- वस्त्रों को घटाना-बढाना / 4) लेणमुंभक देव- घर, मकान, महल की रक्षा करना। ... 5) पुष्पमुंभक देव- फूलों की रक्षा करना। 6) फलजुंभक देव- फलों की रक्षा करना। 7) पुष्पफलमुंभक देव- पुष्पों एवं फलों की रक्षा करना। 8) शयनजुंभक देव- शय्या की रक्षा करना। . 9) विद्याजुंभक देव- विद्याओं की रक्षा करना। 10) अवियतनुंभक देव- समस्त पदार्थों की रक्षा करना / 453) ज्योतिष्क देवों के कितने भेद होते हैं ? उ. पांच भेद- 1) सूर्य 2) चन्द्र 3) ग्रह 4) नक्षत्र 5) तारा / 454) चर ज्योतिष्क किसे कहते हैं ? उ. जो ज्योतिष्क विमान मेरू पर्वत के चारों तरफ भ्रमण करते हैं, यहाँ-वहाँ घूमते हैं, जिनका पीत वर्ण परिवर्तित होता रहता है, उनको चर ज्योतिष्क कहते हैं। मनुष्य * लोक में स्थित ज्योतिष्क विमान चर ज्योतिष्क कहलाते हैं। 455) अचर ज्योतिष्क किसे कहते हैं ? उ. मनुष्य लोक से बाहर स्थित वे ज्योतिष्क देव, जिनके विमान सदा एक स्थान पर ही स्थिर रहते हैं, लेश्या, प्रकाश, वर्ण भी एक-सा बना रहता है, वे अचर ज्योतिष्क कहलाते हैं / चर विमानों की अपेक्षा अचर विमानों की लम्बाई, चौडाई और ऊँचाई आधी होती है। 456) मेरुपर्वत के समतल-भूभाग से कितनी ऊँचाई पर ज्योतिष चक्र (मण्डल)