________________ SENSATISTS जीव विचार प्रश्नोत्तरी SENSETHSSETTES 473) कल्पोपन्न देवों के कितने भेद होते हैं ? उ. प्रमुख तीन भेद होते हैं- 1) बारह देवलोक 2) नवलोकान्तिक 3) तीन किल्बिषिक। 474) कल्पातीत देवों के कितने भेद होते हैं ? उ. प्रमुख रूप से दो भेद होते हैं-१) नवग्रैवेयक 2) पांच अनुत्तर। 475) बारह देवलोकों के नाम बताओ? उ. बारह देवलोक- 1) सौधर्म 2) ईशान 3) सनत्कुमारं 4) माहेन्द्र 5) ब्रह्मलोक 6) लांतक 7) महाशुक्र 8) सहस्रार 9) आनत 10) प्राणत 11) आरण 12) अच्युत। 476) वैमानिक देवताओं के कितने विमान हैं ?. उ. पहले स्वर्ग में बत्तीस लाख, दूसरे स्वर्ग में अट्ठाईस लाख, तीसरे स्वर्ग में बारह लाख, चौथे स्वर्ग में आठ लाख, पांचवें स्वर्ग में चार लाख, छठे स्वर्ग में पचास हजार, सातवें स्वर्ग में चालीस हजार, आठवे स्वर्ग में छह हजार, नवमें से बारहवें में सात सौ, प्रथम तीन ग्रैवेयकों में एक सौ ग्यारह, अगले तीन ग्रैवेयकों में एक सौ सात, अंतिम तीन ग्रैवेयकों में सौ और पांच अनुत्तरों में पांच विमान हैं। इस प्रकार देवों का परिग्रह उत्तरोत्तर कम होता जाता है। 477) बारह देवलोक किस प्रकार स्थित हैं ? उ. ज्योतिष्चक्र से असंख्यात योजन उपर सौधर्म और ईशान कल्प है, उनके बहुत उपर समश्रेणी में सनत्कुमार और माहेन्द्र कल्प है। उनके उपर किन्तु मध्य में बह्मलोक है। उसके उपर समश्रेणी में लान्तक, महाशुक्र, सहस्रार ये तीनों कल्प एक दूसरे के उपर क्रमशः स्थित है। इनके उपर सौधर्म-ईशान की भाँति आणत और प्राणत कल्प स्थित है। उनके उपर समश्रेणी में आणत के उपर आरण और प्राणत के उपर अच्युत कल्प स्थित हैं। 478) सौधर्म आदि स्वर्गों के विमानों का वर्ण कैसा हैं? उ.१) सौधर्म और ईशान के विमान काले, नीले, लाल, पीले और सफेद 2) सनत्कुमार और माहेन्द्र के विमान काले, लाल, पीले, सफेद 3) ब्रह्मलोक और लांतक के विमान लाल, पीले, सफेद