________________ HTRA जीव विचार प्रश्नोत्तरी BIHARTER 401) मनुष्य गति में कितनी लेश्याएँ पायी जाती हैं ? उ. मनुष्य गति छहों लेश्याएँ पायी जाती हैं। कर्मभूमिज मनुष्यों में छहों लेश्या पायी जाती है और अकर्मभूमिज-अन्तीपज मनुष्यों मे पद्म और शुक्ल के अलावा चार लेश्याएँ पायी जाती हैं। 402) मनुष्य गति में कितने योग पाये जाते हैं ? उ. मनुष्य गति में मन, वचन एवं काय रूप तीनों योग पाये जाते हैं / संमूर्छिम मनुष्यों में मात्र काय योग ही होता है। गर्भज अपर्याप्ता में काय और वचन योग पाये जाते हैं। गर्भज पर्याप्ता मनुष्यों में तीनों योग पाये जाते हैं। . 403) मनुष्य गति में कितने वेद पाये जाते हैं ? उ. मनुष्य गति में तीनों वेद पाये जाते हैं / संमूर्छिम मनुष्य नपुंसक ही होते हैं। अकर्मभूमि एवं अन्तर्वीप के गर्भज मनुष्यों में पुरूष और स्त्री वेद पाये जाते हैं। कर्मभूमि के मनुष्यों में स्त्री, पुरूष और नपुंसक तीनों वेद पाये जाते हैं। 404) मनुष्य गति में कितने दर्शन पाये जाते हैं ? उ. मनुष्य गति में कर्मभूमिज मनुष्यों में सम्यक्, मिश्र और मिथ्या रूप तीनों दर्शन होते हैं / अन्तर्वीप के मनुष्यों में मात्र मिथ्यादर्शन ही होता है। अकर्मभूमिज मनुष्यों में सम्यग्दर्शन और मिथ्यादर्शन पाया जाता है। . 405) मनुष्य गति में कितनी दृष्टियाँ पायी जाती हैं ? उ. अकर्मभूमिज, कर्मभूमिज मनुष्यों में दीर्घकालिकी एवं दृष्टिवादोपदेशिकी दृष्टियाँ होती हैं / अन्तर्वीप के मनुष्यों के मात्र दीर्घकालिकी दृष्टि होती हैं। 406) मनुष्य गति में कितने आहार पाये जाते हैं ? उ. कर्मभूमिज, अकर्मभूमिज एवं अन्तर्वीपज तीनों मनुष्यों में तीनों आहार पाये जाते हैं। 407) मनुष्य गति में उपपात (जन्म) एवं च्यवन (मृत्यु) द्वार बताईये ? उ. एक समय में संख्यात गर्भज मनुष्य जन्म ले सकते हैं एवं मृत्यु को प्राप्त कर सकते हैं। एक समय में असंख्यात संमूर्छिम मनुष्य जन्म एवं मृत्यु को प्राप्त कर सकते हैं। 408) मनुष्य गति में कितने समुद्घात पाये जाते हैं?