________________ SRISHTEG जीव विचार प्रश्नोत्तरी MYSTREEN अनन्त जीव प्रति समय मरते हैं। 159) एकेन्द्रिय जाति में जन्म-मरण का विरह काल कितना होता हैं ? उ. एकेन्द्रिय जाति में प्रति समय जीव जन्म-मृत्यु को प्राप्त करते ही रहते हैं अतः उनमें जन्म-मरण (उपपात-च्यवन) विरहकाल होता ही नहीं हैं। 160) एकेन्द्रिय जीवों की अवगाहना कितनी होती हैं? उ. एकेन्द्रिय प्राणी जघन्य अवगाहना उत्कृष्ट अवगाहना 1 | पृथ्वीकाय सूक्ष्म-बादर | अंगुल का असंख्यातवां भाग अंगुल का असंख्यातवां भाग 2 अप्काय सूक्ष्म-बादर | अंगुल का असंख्यातवां भाग अंगुल का असंख्यातवां भाग 3 तेउकाय सूक्ष्म-बादर अंगुल का असंख्यातवां भाग अंगुल का असंख्यातवां भाग वायुकाय सूक्ष्म-बादर | अंगुल का असंख्यातवां भाग अंगुल का असंख्यातवां भाग साधारण | वनस्पतिकाय सूक्ष्म-बादर | अंगुल का असंख्यातवां भाग अंगुल का असंख्यातवां भाग 6 | प्रत्येक | वनस्पतिकाय | बादर | अंगुल का असंख्यातवां भाग एक हजार योजन से कुछ अधिक 161) एकेन्द्रिय जीवों में कितने सम्यक्त्व होते हैं ? उ. बादर अपर्याप्ता पृथ्वीकाय, अप्काय और प्रत्येक वनस्पतिकाय में एक मात्र सास्वादन सम्यक्त्व पाया जाता है। अन्यों में एक भी सम्यक्त्व नहीं पाया जाता है। 162) एकेन्द्रिय जीवों का जघन्य-उत्कृष्ट आयुष्य बताईए ? उ. एकेन्द्रिय जघन्य उत्कृष्ट 1 पर्याप्ता-अपर्याप्ता सूक्ष्म पृथ्वीकाय अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त 2 पर्याप्ता-अपर्याप्ता सूक्ष्म अप्काय अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त 3 पर्याप्ता-अपर्याप्ता सूक्ष्म तेउकाय अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त 4 पर्याप्ता-अपर्याप्ता सूक्ष्म वायुकाय अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त 5 पर्याप्ता-अपर्याप्ता सूक्ष्म साधारण वनस्पतिकाय अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त 6 अपर्याप्ता बादर पृथ्वीकाय __ अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त