________________ SSETTERTISTSETTESE जीव विचार प्रश्नोत्तरी SENSATHISTORY होती है। उनका स्पर्श बिच्छू के डंक, अंगारा, ज्वाला से भी अधिक कष्ट देने वाला होता है। 11) नारकी जीवों की शारीरिक, संरचना अत्यन्त भयावह होती है। उनकी आकृति दिखने में बडी डरावनी होती है। उस रौद्र, खूखार रूप को कोई देख ले तो डर के मारे थर-थर कांपने लगे। शरीर अत्यन्त कठोर होने से अस्पर्शनीय होता है। 12) उनके रहने का स्थान भी अत्यन्त भयानक होता है / वे मल-मूत्र से भरे हुए दुर्गन्धित स्थान पर रहते हैं। चारों तरफ मांस/हड्डियों का ढेर लगा हुआ होता है। उनकी स्थिति बडी दयनीय होती है। परवश होने से वे हर वक्त डरावनी आवाज निकालते रहते हैं। 251) नारकी जीव कितने स्थानों का अनुभव करते हैं ? उ. दस स्थानों का- 1) अनिष्ट शब्द 2) अनिष्ट रूप 3) अनिष्ट गंध 4) अनिष्ट रस 5) अनिष्ट स्पर्श 6) अनिष्ट गति 7) अनिष्ट स्थिति 8) अनिष्ट लावण्य 9) अनिष्ट यश 10) अनिष्ट कर्म-पराक्रम। 252) किस- 2 नरक में उष्ण और शीत वेदना होती है ? उ. पहली तीन नरकों में उष्ण वेदना, चौथी में उष्ण-शीत वेदना, पांचवीं में शीत-उष्ण * वेदना और छट्ठी-सातवीं नरक में शीत वदना होती हैं / ये उत्तरोत्तर तीव्र एवं अधिक होती है। . 253) परस्परकृत वेदना किसे कहते हैं ? . उ. नारकी जीवों का आपस में सिंह-बकरी और सांप-नेवला की भाँति जन्म से वैर एवं द्वेष भाव होता है / वे एक दूसरे को देखकर कुत्तों की तरह आपस में लडते हैं, काटते हैं। परमाधामी देव मल्लों की तरह उन्हें आपस में लडाते है। 254) नारकी जीवों को यातना-दुःख कौनसे देव देते हैं ? उ. परमाधामी देव। 255) परमाधामी देवों के कितने भेद होते हैं? उ. पन्द्रह भेद- 1) अम्ब 2) अम्बरीश 3) श्याम 4) शबल 5) रूद्र 6) उपरूद्र 7)