________________ LASTRA जीव विचार प्रश्नोत्तरी RETIREET 4) साधारण वनस्पतिकाय काटकर बोने पर भी उगती है। गिलोय आदि को काटकर अधर लटका दिया जाये तो भी वह वृद्धि को प्राप्त करती है। 5) साधारण वनस्पतिकाय तोडने से तुरन्त कडक हो जाती है। 129) साधारण वनस्पतिकाय की शारीरिक संरचना कैसी होती है ? उ. साधारण वनस्पतिकायिक जीवों का शरीर प्रत्येक वनस्पतिकाय की अपेक्षा अधिक * नाजुक, जड होता है / अनन्त जीवों के कारण जल्दी जन्म लेने वाला व देरी से मृत्यु को प्राप्त होने वाला होता हैं। 130) कोई भी वनस्पति अंकुरित होते समय कैसी होती है ? उ. कोई भी वनस्पति अंकुरित-प्रस्फुटित होते समय साधारण वनस्पतिकाय होती हैं। यदि प्रत्येक वनस्पतिकाय की जाति की हो तो बाद में प्रत्येक बन जाती है। साधारण वनस्पतिकाय की जाति की हो तो साधारण ही रहती हैं। 131) प्रत्येक वनस्पतिकाय के कितने भेद होते हैं ? उ. प्रत्येक वनस्पतिकाय के फल, फूल, छाल, काष्ठ, मूल, पत्ता और बीज रूप सात भेद होते हैं। इसके अलावा शास्त्रों में दस भेद भी उपलब्ध होते हैं, वे इस प्रकार हैं - मूल, स्कन्द, थड, छाल, शाखा, काष्ठ, पत्र, पुष्प, फल और बीज। 132) तृण वनस्पतिकाय कितनी प्रकार से उगती हैं? उ. 1) अग्रबीज़ : जिनका उग्र भाग बोने से उगता है जैसे कोरंट, नागरवेल आदि। 2) मूलबीज : जिनका मूल बोने से उगता है जैसे उत्पल, कंद आदि। 3) स्कंध बीज : जिनकी शाखा बोने से उगती है, जैसे गिलोय आदि। 4) पर्व बीजः जिनकी गांठें बोने से उगती है, जैसे ईख, बाँस आदि। 5) बीजरूह : जिनके बीज बोने से उगते हैं, जैसे डांगर आदि। 133) प्रत्येक वनस्पतिकाय के बारह भेदों की व्याख्या कीजिये ? .. उ. 1) वृक्ष : जिनके आश्रित फल, फूल, मूल, शाखा, प्रशाखा, त्वचा, स्कन्ध आदि अनेक हो, जैसे आम, नीम आदि वृक्ष। 2) गुच्छ : पौधे को गुच्छ कहा जाता है, जैसे तुलसी आदि।