________________ SHARE जीव विचार प्रश्नोत्तरी RRRRRERNET Vउ. एकेन्द्रिय और द्वीन्द्रिय जीव उत्त्पति के योग्य संयोग मिलने पर स्वजातीय जीवों के आस-पास उत्पन्न हो जाते हैं। त्रीन्द्रिय जीव स्वजातीय जीवों के मल आदि में एवं चतुरिन्द्रिय जीव स्वजातीय जीवों के मल, लार आदि संयोगानुसार उत्पन्न हो जाते हैं। वहाँ स्थित औदारिक शरीर के पुद्गलों को शरीर रूप में परिणत करके उत्पन्न होते हैं। V86) संमूर्छिम मनुष्य एवं तिर्यंचों की उत्पत्ति के चौवह अशुचि स्थान कौनसे उ. 1) मल 2) पेशाब 3) कफ 4) नाक का मल 5) वमन 6) पित्त 7) पीब-मवाद 8) रूधिर 9) वीर्य 10) त्याग किये गये वीर्य के पुद्गल 11) मुर्दा शरीर 12) पुरूष-स्त्री का परस्पर संयोग 13) मेल 14) पसीना / 86) पांच द्वार कौन-कौनसे हैं ? उ. 1) अवगाहना द्वार 2) आयुष्य द्वार 3) स्वकाय स्थिति द्वार 5) प्राण द्वार 6) योनि द्वार 87) अवगाहना द्वार किसे कहते हैं ? उ. जीवों की जघन्य एवं उत्कृष्ट अवगाहना बताने वाले द्वार को अवगाहना द्वार कहते है। 88) आयुष्य द्वार किसे कहते हैं ? उ. जीवों की जघन्य एवं उत्कृष्ट आयु बताने वाले द्वार को आयुष्य द्वार कहते है। 89) स्वकाय स्थिति द्वार किसे कहते है ? उ. कोई भी जीव मरकर पुनः स्वकाय (स्वपर्याय) में कितनी स्थिति-काल तक उत्पन्न होता है, यह बताने वाले द्वार को स्वकाय स्थिति द्वार कहते है। 90) प्राण द्वार किसे कहते है ? उ. जीवों में प्राण बताने वाले द्वार को प्राण द्वार कहते हैं। 91) योनि द्वार किसे कहते है ? उ. जीवों की योनियों की संख्या बताने वाले द्वार को योनि द्वार कहते है। 92) अवगाहना किसे कहते हैं? उ. जीव के शरीर की ऊँचाई को अवगाहना कहते हैं। 93) आयुष्य किसे कहते है ?