________________ SAHRISHIT जीव विचार प्रकरण RBERASHTRA नारकी एवं देवताओं की चार-चार लाख योनियाँ होती हैं जबकि मनुष्यों की चौदह लाख योनियाँ होती हैं। चौरासी लाख योनियाँ इस प्रकार है - पृथ्वीकायिक जीवों की 7 लाख अप्कायिक जीवों की 7 लाख तेउकायिक जीवों की ७.लाख / वायुकायिक जीवों की 7 लाख प्रत्येक वनस्पतिकायिक जीवों की . 10 लाख साधारण वनस्पतिकायिक जीवों की 14 लाख द्वीन्द्रिय जीवों की 2 लाख त्रीन्द्रिय जीवों की 2 लाख चतुरिन्द्रिय जीवों की 2 लाख पंचेन्द्रिय तिर्यचों की 4 लाख नारकी की 4 लाख देवताओं की मनुष्यों की 14 लाख 84 लाख सिद्धों का स्वरुप गाथा सिद्धाणं नत्थि देहो, न आउ-कम्मं न पाण-जोणीयो / साइ-अणंता तेसिं ठिई जिणिंदागमे भणिया // 48 // 4 लाख कुल __अन्वय सिद्धाणं देहो नत्थि आउ-कम्मं न पाण जोणीयो न तेसिं ठिई जिणिंदागमे साइ-अणंता भणिया // 48 //