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जैसा गतांक में सूचित किया गया था इस अंक से प्राचार्य हेमचन्द्र के प्राकृत व्याकरण के सूत्रों का विवेचन भी प्रारम्भ किया जा रहा है।
हमें आशा है कि प्राचार्य जोइन्दु से सम्बन्धित विषय सामग्री से आध्यात्मिक अध्ययन और अनुसन्धान को दिशा और प्रेरणा मिलेगी।
इस अंक के सम्पादन में डॉ. गोपीचन्द्र पाटनी, डॉ. कमलचन्द सोगाणी, पं. भंवरलाल पोल्याका और सुश्री प्रीति जैन का, प्रकाशन में दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी प्रबन्धकारिणी कमेटी के अध्यक्ष श्री ज्ञानचन्द्र खिन्दूका और मन्त्री श्री नरेशकुमार सेठी का तथा मुद्रण में पॉपुलर प्रिन्टर्स का जो सहयोग मिला है उसके लिए कृतज्ञता का भाव अर्पित है।
(प्रो.) प्रवीणचन्द्र जैन
सम्पादक