Book Title: Jain Vidya 09
Author(s): Pravinchandra Jain & Others
Publisher: Jain Vidya Samsthan

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Page 124
________________ 110 जैनविद्या आकारान्त स्त्रीलिंग (कहा) एकवचन बहुवचन प्र. कहा (59) कहाउ कहारो (24) कहा (50, 2, 12) द्वि. कहं (28) कहाउ,.कहानो (24) कहा (50, 2, 12) तृ. कहान, कहाइ कहाए (26) . कहाहि, कहाहिँ, कहाहि (50, 5) च. कहान, कहाइ, कहाए (26, 57) कहाण (4, 10, 50, 57) कहाणं (60) पं. कहानो, कहाइ कहाए, (26) कहत्तो, कहाओ, कहाउ कहाहिन्तो, कहासुन्तो ___कहत्तो, कहारो कहाउ, कहाहिन्तो (53) (53) ष. कहान, कहाइ, कहाए (26) कहाण (4, 10, 50) कहाणं (60) स. कहाअ, कहाइ, कहाए (26) कहासु (13, 50, 55) कहासुं (60) सं. हे कहे, हे कहा (33) हे कहाउ, हे कहाअो, हे कहा (59) इकारान्त स्त्रीलिंग (मइ) एकवचन बहुवचन प्र. मई (16) मईउ, मईओ, (24) मई (50, 2, 15) द्वि. मई (50, 3) मईउ, मईअो (10, 24) मई (15) त. मईअ, मईआ, मईइ, मईए (26) मईहि, मईहिँ, मईहिं (14) च. मईअ, मईपा, मईइ, मईए (26, 57) मईणं (4, 10, 50, 57) मईणं (60) पं. मईअ, मईआ, मईइ मईए (26) मईओ, मईउ, मईहिन्तो मईसुन्तो (14) मइत्तो, मईओ, मईउ, मईहिन्तो (53) ष. मई, मईआ मईइ, मईए (26) मईण (4, 10, 50) मईणं (60) स. मईअ, मईआ, मईइ, मईए (26) मईसु (14) मईसुं (60) सं. हे मई, हे मइ (30) हे मईउ, हे मईओ, हे मई (59) ईकारान्त स्त्रीलिंग (लच्छी) एकवचन बहुवचन प्र. लच्छी (16) लच्छीउ, लच्छीपो, लच्छीमा (24, 25) लच्छीया (25) लच्छी (50, 2, 12) द्वि. लच्छि (28) लच्छीउ, लच्छीओ, लच्छीया (24, 25) लच्छी (15) तृ. लच्छीअ, लच्छीया, लच्छीइ, लच्छीए लच्छीहि, लच्छीहिँ, लच्छीहिं (14) (26)

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