________________
कृति उपरथी प्रत माहिती कल्याणक प्रकरण जुओ - पञ्चकल्याणकप्रकरण, अज्ञात-जिनेन्द्रइन्द्र, प्राकृत, गा.१३७ कल्याणकस्तव जुओ - कल्याणकस्तोत्र, अज्ञात-आसराज, संस्कृत, श्लोक३२ कल्याणकस्तुति
सं., पद्य, का.७, आदि वाक्यः श्रीमल्लिजन्मव्रतकेवलानि...
पाकाहेम १२३८५, पृ. १, कल्याणकस्तुति, वि-१६मी, संपूर्ण कल्याणकस्तोत्र (कल्याणकस्तव), (आशाराजस्तवन)
आसराज, सं., पद्य, श्लोक३२, आदि वाक्यः तिथिक्रमाज्जिनेन्द्राणां कुर्वे कल्याणस्तवं... पातासंघवी ५९-३- पे.क्र.७, पृ. १-३, कर्मस्तववृत्ति आदि, संपूर्ण
पे. नाम- कल्याणिकस्तव प्रत विशेष- पेटांक मां पेज जुदा जुदा छे.
कुल झे.पृष्ठ-३२, डीवीडी-२९/४८ पातासंघवी १२१-२- पे.क्र. ३, पृ. १-४३, चैत्यवन्दनप्रत्याख्यानलघुवृत्ति आदि, संपूर्ण
डीवीडी-३४/५२ पातासंघवी २०६-२- पे.क्र. ५४, पृ. १४६मुं, योगशास्त्र चार प्रकाश आदि, संपूर्ण
डीवीडी-३८/५५ पाकाहेम १२३७८ - पे.क्र. १, पृ. १, कल्याणकस्तोत्र आदि, वि-१६मी, संपूर्ण कल्याणकस्तोत्र
सं., पद्य, गा.३२, पातासंघवी २०६-२- पे.क्र.५५, पृ. १४७मुं, योगशास्त्र चार प्रकाश आदि, संपूर्ण
डीवीडी-३८/५५ कल्याणकस्तोत्र जुओ - महावीरपञ्चकल्याणकस्तोत्र, प्राकृत, गा.१३ कल्याणकस्तोत्र मुनि-विजयचन्द, प्रा., पद्य, गा.१६,
कृ.विः अन्तवाक्य-पसिय पसिय तिहुयणतिलय. पाताहेसं १६८- पे.क्र. २२, पृ. ४०अ, दशवैकालिकसूत्र, पाक्षिक सूत्रस्तोत्रवृत्ति, स्तुति स्तवनादि, संपूर्ण
पे. विशेष- अपूर्ण. ताडपत्रीय पत्र ३८-३९ नहीं है. गाथा-१२ तक नहीं है. झेरोक्ष पत्र-३३. प्रत विशेष- प्रारंभिक कुछेक पत्र उभय पार्श्व खंडित होने से पाठ भी खंडित है.
कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-९/१८ कल्याणमन्दिरस्तोत्र
आचार्य-सिद्धसेन दिवाकर सूरि, सं., पद्य, का.४४, आदि वाक्यः कल्याणमन्दिरमुदारमवद्यभेदी... पाकाहेम १०२२- पे.क्र.९, पृ. १३-१५, प्रकरण, स्तुति, स्तोत्रादि सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ६८ थी ७० नथी. इसी भंडार के प्रत नं.१०१२ को भूल से नं.१०२२ लिखा गया था. असल
में १०२२ नं.की झेरोक्ष प्रति नहीं है परन्तु कम्प्यूटर में प्रविष्ट की गयी कृति माहिती सही है. पाकाहेम १०१९१, पृ. ५, कल्याणमन्दिरस्तोत्र, वि-१८मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-५ पाकाहेम १०३९३, पृ. ४, कल्याणमन्दिरस्तोत्र सावचूरिक-पञ्चपाठ, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति एक खूणेथी खवाई गई छे.
कुल झे.पृष्ठ-५ पाकाहेम १०६५४, पृ. ४, कल्याणमन्दिरस्तोत्र, वि-१७मी, संपूर्ण
प्रत विशेष- जीर्णप्राय पाकाहेम १०६५५, पृ. ७, कल्याणमन्दिरस्तोत्र वृत्तिसहित, वि-१७मी, संपूर्ण पाकाहेम १२१२४- पे.क्र.६, पृ. ६५-६९, प्रकरणसङ्ग्रह आदि, वि-१५मी, संपूर्ण
पे. विशेष- का.४४. प्रत विशेष- पत्र २३मुं नथी.
184