________________
कृति उपरथी प्रत माहिती पातासंघवीजीर्ण ७०, पृ. १११, सामाचारी, संपूर्ण प्रत विशेष- त्रुटक-अपूर्ण., प्रतिष्ठाप्रभृति.
डीवीडी-५८/६० सामाचारी
प्रा., पद्य, गा.७, पातासंघवीजीर्ण ९०- पे.क्र. १३, पृ. ?, कल्पसूत्रादि अनेक प्रकीर्णक ग्रन्थों के छूटक पन्ने, संपूर्ण
पे. विशेष- पूर्ण. झेरोक्ष पत्र ८२ पर है. प्रत विशेष- त्रुटक-अव्यवस्थित.
___कुल झे.पृष्ठ-१४४, डीवीडी-५८/६० सामाचारी सुखबोधा जुओ - सुखबोधासमाचारी, आचार्य-श्रीचन्द्रसूरि, प्राकृत, ग्रं.१३११ सामाचारी सुबोध जुओ - सुबोधसामाचारी, प्राकृत सामाचारी-यतिदिनचर्या (यतिदिनचर्या सामाचारी)
आचार्य-देवसूरि, प्रा., पद्य, गा.३९२, आदि वाक्यः तं जयइ सुहं कम्म पाकाहेम ७९५३, पृ. ११, सामाचारी-यतिदिनचर्या, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-७ सामाचारीकुलक जुओ - सुगुरुसामाचारीकुलक, अपभ्रंश, गा.३३ सामाचारीध्यान? प्रा., पद्य, गा.२६,
कृ.विः पार्श्वनाथचरित्रादुद्धृत. पातासंघवीजीर्ण ९०- पे.क्र. ११, पृ.?, कल्पसूत्रादि अनेक प्रकीर्णक ग्रन्थों के छूटक पन्ने, संपूर्ण
पे. विशेष- अपूर्ण. इस कृति का क्या आदिवाक्य है किस पत्र पर है आदि का कोई संदर्भ नहीं मिलता. प्रत विशेष- त्रुटक-अव्यवस्थित.
कुल झे.पृष्ठ-१४४, डीवीडी-५८/६० सामाचारीशतक-(मा.गु.)बीजक
मारुगूर्जर, गद्य,
पाकाहेम ११०९८, पृ. १, सामाचारीशतक बीजक, वि-१७मी, संपूर्ण सामान्य व्रतोच्चारण विधि (सम्यक्त्व मूल १२ व्रतोच्चारण विधि)
प्रा.,सं., गद्य, आदि वाक्यः नमस्कारपूर्वकं अहं भन्ते दंसणविसोहि... पाकाहेम १२७५५- पे.क्र. १, पृ. १A, अनेकविधिविधान, शास्त्रीयविचारप्रकरण औपदेशिकविषय तथा
सुभाषितादिसङ्ग्रह, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २७मुं कखा ३७मुं नथी अने ४३मुं डबल छे. पत्र-६३-६५ के एक ही ओर का झेरोक्ष है.
कुल झे.पृष्ठ-४१ सामान्यजिनस्तुति (जिनस्तुति)
सं., पद्य, श्लोक५, आदि वाक्यः गम्भीरस्तम्भमूर्ति... तालाद ३३९- पे.क्र. ५, पृ. ६४-६५, जीवविचारप्रकरणादि, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२४, डीवीडी-९४/९६ सामान्यजिनस्तुति (जिनस्तुति)
प्रा., पद्य, गा.४, आदि वाक्यः समहिय समहिय...
पाकाहेम १२३६७- पे.क्र.४, पृ. १, पार्श्वनाथशर्मस्तव आदि, वि-१६मी, संपूर्ण सामान्यजिनस्तुति
सं., पद्य, पाकाहेम १२१३३- पे.क्र. ३, पृ. १, आदिजिनस्तुत्यादिसङ्ग्रह, वि-१६मी, संपूर्ण
पे. नाम- सामान्य जिनस्तुति प्रत विशेष- जीर्णप्राय
806