Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 890
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती आचार्य-कल्याणसागरसूरि, सं., गद्य, पाकाहेम ८५४०, पृ. २२, हैमलिङ्गानुशासन पद्यबद्ध विवरण अपूर्ण, वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- आ ग्रन्थ अपूर्व अने अलभ्य छे. कुल झे.पृष्ठ-१६ हैमलिङ्गानुशासन-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, पाकाहेम ७२२३, पृ. ८, हैमलिङ्गानुशासन सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१८ पाकाहेम १०२०२, पृ. ८, लिङ्गानुशासन सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-९ हैमलिङ्गानुशासन-(सं.)विवरण आचार्य-हेमचन्द्रसूरि, सं., गद्य, आदि वाक्यः सिद्धहेमचन्द्रव्याकरणनिवेशितानि लिङ्गानि।... पाताखेत ४५- पे.क्र. १, पृ. १-२१८, लिङ्गानुशासनविवरण, जीतकल्पवृत्ति, वि-१२९२, संपूर्ण पे. विशेष- ग्रन्थाग्र-३२८४. प्रत विशेष- पत्र-२१८+१४१=३५९. कुल झे.पृष्ठ-१२८, डीवीडी-६२/६४ पाकाभाभा ७५, पृ. ६५, लिङ्गानुशासन स्वोपज्ञवृत्तिसह, वि-१५४२, संपूर्ण हैमलिङ्गानुशासनना (सं.)विवरणनो (सं.)उद्धार सं., गद्य, पाकाहेम १०२०१, पृ. २१, हैमलिङ्गानुशासनस्वोपज्ञविवरणउद्धार, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२२ हैमलिङ्गानुशासन-(सं.)विवरण (पद्यबद्ध) आचार्य-कल्याणसागरसूरि, सं., गद्य, पाकाहेम ८५४०, पृ. २२, हैमलिङ्गानुशासन पद्यबद्ध विवरण अपूर्ण, वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- आ ग्रन्थ अपूर्व अने अलभ्य छे. कुल झे.पृष्ठ-१६ हैमलिङ्गानुशासनना (सं.)विवरणनो (सं.)उद्धार सं., गद्य, पाकाहेम १०२०१, पृ. २१, हैमलिङ्गानुशासनस्वोपज्ञविवरणउद्धार, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२२ हैमविभ्रमसूत्र सं., पद्य, श्लोक२२, आदि वाक्यः testing Adivakya one... पाकाहेम ८६७९- पे.क्र. १, पृ. १-७, हैमविभ्रमसूत्र वृत्तिसहित आदि, वि-१६मी, संपूर्ण पे. नाम- हैमविभ्रमसूत्र सह वृत्ति कुल झे.पृष्ठ-६ पाकाहेम ८६७९- पे.क्र. २, पृ. १-७, हैमविभ्रमसूत्र वृत्तिसहित आदि, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-६ हैमविभ्रमसूत्र-(सं.)वृत्ति आचार्य-जिनप्रभसूरि, सं., पद्य, श्लोक१९६, पाकाहेम १५०२५, पृ.३, हैमविभ्रमवृत्ति, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ हैमविभ्रमसूत्र-(सं.)वृत्ति आचार्य-गुणचन्द्रसूरि, सं., गद्य, कृ.विः अंतिमवाक्य-भत्तं पाणं वा उद्घोट्ठिओ. 873

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