Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 891
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम ८६७९- पे.क्र. १, पृ.७, हैमविभ्रमसूत्र वृत्तिसहित आदि, वि-१६मी, संपूर्ण पे. नाम- हैमविभ्रमसूत्र सह वृत्ति कुल झे.पृष्ठ-६ हैमविभ्रमसूत्र-(सं.)वृत्ति आचार्य-जिनप्रभसूरि, सं., पद्य, श्लोक१९६, पाकाहेम १५०२५, पृ. ३, हैमविभ्रमवृत्ति, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ हैमविभ्रमसूत्र-(सं.)वृत्ति आचार्य-गुणचन्द्रसूरि, सं., गद्य, कृ.विः अंतिमवाक्य-भत्तं पाणं वा उद्घोट्ठिओ. पाकाहेम ८६७९- पे.क्र. १, पृ.७, हैमविभ्रमसूत्र वृत्तिसहित आदि, वि-१६मी, संपूर्ण पे. नाम- हैमविभ्रमसूत्र सह वृत्ति कुल झे.पृष्ठ-६ हैमीनाममाला जुओ - अभिधानचिन्तामणिनाममाला, आचार्य-हेमचन्द्रसूरि, संस्कृत, ग्रं.२६३० हैमलिङ्गानुशासनना (सं.)विवरणनो (सं.)उद्धार सं., गद्य, पाकाहेम १०२०१, पृ. २१, हैमलिङ्गानुशासनस्वोपज्ञविवरणउद्धार, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२२ हैमलिङ्गानुशासन-(सं.)विवरण (पद्यबद्ध) आचार्य-कल्याणसागरसूरि, सं., गद्य, पाकाहेम ८५४०, पृ. २२, हैमलिङ्गानुशासन पद्यबद्ध विवरण अपूर्ण, वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- आ ग्रन्थ अपूर्व अने अलभ्य छे. कुल झे.पृष्ठ-१६ हैमलिङ्गानुशासनना (सं.)विवरणनो (सं.)उद्धार सं., गद्य, पाकाहेम १०२०१, पृ. २१, हैमलिङ्गानुशासनस्वोपज्ञविवरणउद्धार, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२२ हैमविभ्रमसूत्र सं., पद्य, श्लोक२२, आदि वाक्यः testing Adivakya one... पाकाहेम ८६७९- पे.क्र. १, पृ. १-७, हैमविभ्रमसूत्र वृत्तिसहित आदि, वि-१६मी, संपूर्ण पे. नाम- हैमविभ्रमसूत्र सह वृत्ति कुल झे.पृष्ठ-६ पाकाहेम ८६७९- पे.क्र. २, पृ. १-७, हैमविभ्रमसूत्र वृत्तिसहित आदि, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-६ हैमविभ्रमसूत्र-(सं.)वृत्ति आचार्य-जिनप्रभसूरि, सं., पद्य, श्लोक१९६, पाकाहेम १५०२५, पृ. ३, हैमविभ्रमवृत्ति, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ हैमविभ्रमसूत्र-(सं.)वृत्ति आचार्य-गुणचन्द्रसूरि, सं., गद्य, कृ.विः अंतिमवाक्य-भत्तं पाणं वा उद्घोट्ठिओ. पाकाहेम ८६७९- पे.क्र. १, पृ.७, हैमविभ्रमसूत्र वृत्तिसहित आदि, वि-१६मी, संपूर्ण पे. नाम- हैमविभ्रमसूत्र सह वृत्ति कुल झे.पृष्ठ-६ 874

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