Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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कृति उपरथी प्रत माहिती डीवीडी-१/११ पाकाहेम ९९९०- पे.क्र. २, पृ. ४४-४९, सूत्रकृताङ्गसूत्र आदि, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रथम पत्रमा आचार्य व्याख्यान आपे छे अने चतुर्विध संघ श्रवण करे छे ते भावने सूचवतुं सुन्दर चित्र छे.
कुल झे.पृष्ठ-४९ पाकाहेम १०४५९, पृ. ३, सूत्रकृताङ्गसूत्र नियुक्ति, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- गाथा-२०५.
कुल झे.पृष्ठ-४ पाकाहेम १०४६०- पे.क्र. १, पृ. १-५, सूत्रकृताङ्गसूत्र नियुक्ति तथा वृत्ति, वि-१५२७, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२३७ पाकाहेम १४८६२, पृ. ७, सूत्रकृताङ्गसूत्र नियुक्ति, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-७ सूत्रकृताङ्गसूत्र-(प्रा.)हिस्सा महावीरस्तवन (महावीरस्तवन), (सूत्रकृताङ्गगत महावीरस्तवन)
आचार्य-सुधर्मास्वामी, प्रा., पद्य, पाकाहेम ७३०७- पे.क्र. १६, पृ. २०-२१, शीलसन्धि आदि सङ्ग्रह, वि-१५मी, संपूर्ण पे. नाम- महावीरस्तवन सूत्रकृताङ्गगत अध्ययन
कुल झे.पृष्ठ-१७ सूत्रकृताङ्गसूत्र-(प्रा.सं.)चूर्णी
प्रा.,सं., पद्य, श्लोक९५००, आदि वाक्यः (१) णमो अरहन्ताणं... साहूणं... मङ्गलादीणि सत्थाणि...(२)
मङ्गलादीणि सत्थाणि... तालाद ३१९, पृ. २०१, सूत्रकृताङ्गचूर्णि, वि-१४९१, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१८०, डीवीडी-९३/९५ पाकाहेम ६५३४, पृ. १६३, सूत्रकृन्ताङ्ग सूत्र चूर्णि, वि-१४९४, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१६३ पाकाहेम ६५४८, पृ. १४९, सूत्रकृताङ्गसूत्रचूर्णि, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ४०मुं डबल छे.
कुल झे.पृष्ठ-१४९ पाकाहेम ९९९१, पृ. १५१, सूत्रकृताङ्गसूत्र चूर्णि, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१५२ पाकाहेम १४९३८, पृ. १५५, सूत्रकृताङ्गसूत्रचूर्णि, वि-१५३८, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति चोटेली छे. प्रथम पत्रमा समवसरण, चित्र छे.
कुल झे.पृष्ठ-१५६ भांका १०४, पृ. २४५, सूत्रकृताङ्गसूत्रचूर्णि, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.१-५२.
डीवीडी-८४ भांका २६४, पृ. १५७, सूत्रकृताङ्गसूत्रचूर्णि, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-५१.
डीवीडी-९० सूत्रकृताङ्गसूत्र-(मा.गु.)बालावबोध
मारुगूर्जर, गद्य, पाकाहेम १०५२४, पृ. ११, सूत्रकृताङ्गसूत्र वार्तिक (बालावबोध) अपूर्ण, वि-१७मी, अपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-११ सूत्रकृताङ्गसूत्र-(सं.)टीका
सं., गद्य,
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