Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 868
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती प्रा.,सं., पद्य, श्लोक९५००, आदि वाक्यः (१) णमो अरहन्ताणं... साहूणं... मङ्गलादीणि सत्थाणि...(२) मङ्गलादीणि सत्थाणि... तालाद ३१९, पृ. २०१, सूत्रकृताङ्गचूर्णि, वि-१४९१, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१८०, डीवीडी-९३/९५ पाकाहेम ६५३४, पृ. १६३, सूत्रकृन्ताङ्ग सूत्र चूर्णि, वि-१४९४, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१६३ पाकाहेम ६५४८, पृ. १४९, सूत्रकृताङ्गसूत्रचूर्णि, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ४०मुं डबल छे. कुल झे.पृष्ठ-१४९ पाकाहेम ९९९१, पृ. १५१, सूत्रकृताङ्गसूत्र चूर्णि, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१५२ पाकाहेम १४९३८, पृ. १५५, सूत्रकृताङ्गसूत्रचूर्णि, वि-१५३८, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति चोटेली छे. प्रथम पत्रमा समवसरण, चित्र छे. कुल झे.पृष्ठ-१५६ भांका १०४, पृ. २४५, सूत्रकृताङ्गसूत्रचूर्णि, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.१-५२. डीवीडी-८४ भांका २६४, पृ. १५७, सूत्रकृताङ्गसूत्रचूर्णि, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-५१. डीवीडी-९० सूत्रकृताङ्गसूत्र-(सं.)वृत्ति आचार्य-शीलाङ्काचार्य, सं., गद्य, ग्रं.१२८५३, आदि वाक्यः स्वपरसमयार्थसूचकमनन्तगमपर्यायर्थगुणकलितम् | पातासंघवी ३९, पृ. २८३, सूत्रकृताङ्गवृत्ति, अपूर्ण प्रत विशेष- अपूर्ण. डीवीडी-२६/४४ पाताहेसं ३- पे.क्र. ३, पृ. ४६-३०३, सूत्रकृताङ्गसूत्रवृत्ति, वि-१४५४, संपूर्ण प्रत विशेष- विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. डीवीडी-१/११ पाकाहेम ९९९२, पृ. २२९, सूत्रकृताङ्गसूत्र वृत्ति, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रथम पत्रमा क्रमांक १९९०ना टिप्पणमां जणीव्या प्रमाणेनुं चित्र छे. कुल झे.पृष्ठ-२२९ पाकाहेम ९९९३, पृ. २४१, सूत्रकृताङ्गसूत्र वृत्ति, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२४२ पाकाहेम १०४१०, पृ. १२९, सूत्रकृताङ्गसूत्रवृत्ति, वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-१३८५३. कुल झे.पृष्ठ-१२९ पाकाहेम १०४६०- पे.क्र. २, पृ. ६-२३६, सूत्रकृताङ्गसूत्र नियुक्ति तथा वृत्ति, वि-१५२७, संपूर्ण पे. विशेष- ग्रन्थाग्र-१२८५०. कुल झे.पृष्ठ-२३७ पाकाहेम १४७९२, पृ. १४६, सूत्रकृताङ्गसूत्रवृत्ति, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-१३८५०. कुल झे.पृष्ठ-१४८ सूत्रकृताङ्गसूत्र-(सं.)पर्याय सं., गद्य, 851

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