Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 877
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती सं., आदि वाक्यः इह च ये स्त्रीनिर्वाणं प्रति विप्रतिपद्यन्ते, त एवं वाच्या..... पाताहेसं १८८- पे.क्र. २, पृ. २४-६६, गौडवधादि छ ग्रन्थो, संपूर्ण स्त्रीनिर्वाण केवलिभुक्ति " प्रत विशेष गायकवाड केटलॉगमां त्रणज ग्रन्थो छे. झेरोक्ष पत्रांक १३-३२ कुल २० पत्रो छे कुल झे. पृष्ठ ३२, डीवीडी-१०/१९ स्त्रीनिर्वाणसिद्धिवादस्थल सं. गद्य, आदि वाक्यः सर्व वाक्यं सावधारणं प्रवर्त्तते.... भांका २९२ पे क्र. १६. पृ. २९B-३२०, प्रमाणप्रमेयकलिकादि वादस्थलसङ्ग्रह, संपूर्ण ये नाम स्त्रीनिर्वाणसिद्धि-रत्नावतारितायां कुल झे. पृष्ठ- २०, डीवीडी-९१ स्त्रीमुक्तिव्यवस्थापनवादस्थल सं. गद्य, पाकाहेम ८८०३, पृ. १, स्त्रीमुक्तिव्यवस्थापनवादस्थल, वि-१८मी, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ- २ स्थण्डिलचक्र जुओ सविचारस्थण्डिलचक्र, प्राकृत संस्कृत, गा. १० स्थम्भनपार्श्वनाथ प्रबन्ध जुओ स्तम्भनपार्श्वनाथ प्रबन्ध, आचार्य मेरुतुङ्गसूरि, संस्कृत स्थविराकथा देवत्वे जुओ देवत्वे स्थविराकथा (जिनपूजा उपर), संस्कृत, श्लोक ८२ स्थविरावलि (थेरावती) आचार्य हरिभद्रसूरि प्रा., पद्य, पातासंघवी १८८-१- पे.क्र. ४, पृ. १११-१२०, बृहत् क्षेत्रसमासवृत्ति आदि, संपूर्ण पे. नाम- १११-१२० - डीवीडी-३७/५४ पाताहे १०५ पे क्र. १ पृ. १३१ स्थविरावलिवृत्तिसह आदि अपूर्ण पे. नाम- स्थविरावली सह वृत्ति, पे. विशेष- त्रुटक. झेरोक्ष पत्र - १-८ पाठ व्यवस्थित नहीं मिलता है. प्रत विशेष- पत्र - ३२-६५ नहीं है. कुल झे. पृष्ठ ४२, डीवीडी-७/१६ स्थविरावलि-(सं.)वृत्ति सं. गद्य, पाताहे १०५ पे. क्र. १ पृ. १५३ स्थविरावलिवृत्तिसह आदि अपूर्ण पे. नाम- स्थविरावली सह वृत्ति, पे. विशेष- त्रुटक. झेरोक्ष पत्र - १-८ पाठ व्यवस्थित नहीं मिलता है. प्रत विशेष- पत्र - ३२-६५ नहीं है. कुल झे. पृष्ठ-४२, डीवीडी-७/१६ स्थविरावलि - (सं.) वृत्ति सं., गद्य, पाताहे १०५ पे.क्र. १ पृ. १५३ स्थविरावलिवृत्तिसह आदि अपूर्ण पे. नाम- स्थविरावली सह वृत्ति, पे. विशेष- त्रुटक. झेरोक्ष पत्र - १-८. पाठ व्यवस्थित नहीं मिलता है. प्रत विशेष- पत्र - ३२-६५ नहीं है. कुल झे. पृष्ठ ४२, डीवीडी-७/१६ स्थविरावली जुओ नन्दी सूत्रनो हिस्सो (प्रा.) स्थविरावली, वाचक देववाचक, प्राकृत, गा. ५० स्थविरावली - H.. पातासंघवी ५५-२- पे.क्र. ५, पृ. ९७-१०५, योगशास्त्र आदि, संपूर्ण डीवीडी - २९/४७ स्थविरावलीचरित -महाकाव्य जुओ परिशिष्टपर्व आचार्य हेमचन्द्रसूरि संस्कृत श्लोक३५०० 860 -

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