Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 880
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पातासंघवी ३८, पृ. ३६८, स्थानाङ्गसूत्रवृत्ति, संपूर्ण प्रत विशेष- , प्रत वळेली छे-पण सारी. डीवीडी-२६/४४ पाकाहेम १०४६१, पृ. २९७, स्थानाङ्गसूत्र वृत्ति, वि-१६१३, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-१४०००. कुल झे.पृष्ठ-२९८ पाकाहेम १४७९६, पृ. २५४, स्थानाङ्गसूत्रवृत्ति, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२७० स्थानाङ्गसूत्र-(सं.)वृत्तिगत गाथाविवरण मुनि-सुमतिकल्लोल, मुनि-हर्षनन्दन, सं., गद्य, रचना सं. विक्रम १७०५, ग्रं.११०००, लिंता ४३२, पृ. ३६७, स्थानाङ्गसूत्रगतगाथाविवरण, वि-१७१४, संपूर्ण पाकाहेम ६८९६, पृ. ४००, स्थानाङ्गसूत्र वृत्तिगतगाथाविवरण, वि-१८मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४०१ स्थानाङ्गसूत्र-(सं.)वृत्तिगत गाथाविवरण मुनि-सुमतिकल्लोल, मुनि-हर्षनन्दन, सं., गद्य, रचना सं. विक्रम १७०५, ग्रं.११०००, लिंता ४३२, पृ. ३६७, स्थानाङ्गसूत्रगतगाथाविवरण, वि-१७१४, संपूर्ण पाकाहेम ६८९६, पृ. ४००, स्थानाङ्गसूत्र वृत्तिगतगाथाविवरण, वि-१८मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४०१ स्थानाङ्गसूत्रना बोल मारुगूर्जर, पाकाहेम १०५२७, पृ. ५६, स्थानाङ्गसूत्र ना बोल, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-५६ स्थानाङ्गसूत्रनो हिस्सो (प्रा.)ठाणाङ्गगत पाठ (ठाणाङ्गगत पाठ), (ठाणाङ्गसूत्र आलापक) प्रा., पातासंघवीजीर्ण ३१- पे.क्र. ३, पृ. ४-४१,४३,४५, वसन्तराज शाकुनिक शास्त्र आदि, वि-१३०६, अपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २९ थी ४५ सुधी नथी. त्रुटक, अव्यवस्थित. डीवीडी-५६/५९ पातासंघवी ६२-२- पे.क्र. १४, पृ. ७४-९६, सामाचारी आदि, संपूर्ण प्रत विशेष- अन्ते चन्द्रशेखरसूरि जन्म पत्रिका आदि. कुल झे.पृष्ठ-५२, डीवीडी-३०/४९ स्थापनाकल्प-लघु (लघुस्थापनाकल्प) सं., पाकाहेम ८२२६- पे.क्र. ३, पृ. १, सारङ्गशब्दषष्टिअर्थगर्भितवीरस्तवन आदि, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ स्थापनाचार्य प्रतिष्ठा विधि प्रा., गद्य, आदि वाक्यः करेमि भन्ते सामाइयं गोयमसामी भट्टारगं भणइ... भांता ७०- पे.क्र.७६, पृ. ९६०-९७A, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे. कुल-४२०० श्लोक. अन्तमां पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ स्थापनाचार्यप्रक्रम जुओ - सिद्धपूजाप्रक्रम, नैवेद्यप्रक्रम, प्रदीपारात्रिकप्रक्रम, पूजाप्रक्रम, मातरपूजाप्रक्रम, स्थापनाचार्यप्रक्रम, षड्विधावश्यकप्रक्रम, आर्यिकाप्रक्रम, संस्कृत,प्राकृत स्थापनाचार्यविचार 863

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