Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 875
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती कुल झे.पृष्ठ-५ सौभाग्यसुन्दरीकथा नमस्कारप्रभावे (नमस्कारप्रभावे सौभाग्यसुन्दरीकथा) प्रा., पद्य, गा.१२०, पातासंघवी १५७-१- पे.क्र. ११, पृ. ११८-१३०, द्वादशकथा, विभक्तिप्रकरण, संपूर्ण डीवीडी-३६/५३ स्तम्भन पार्श्वनाथविवाहलु जुओ - थम्भणपासविवाहलुं, अज्ञात-शान्तिमन्दिरशिष्य, मारुगूर्जर, गा.३२ स्तम्भनकपार्श्वनाथस्तवन (पार्श्वनाथस्तवन) मुनि-रत्नसिंहसूरिशिष्य, सं., पद्य, श्लोक९, आदि वाक्यः यन्मूर्तिःस्वर्गलोके पाकाहेम ७४०४, पृ. १, स्तम्भनकपार्श्वनाथस्तवन, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ स्तम्भनकपार्श्वनाथस्तवन (पार्श्वनाथस्तवन) मुनि-मेरुसुन्दर, अप., पद्य, गा.५, पाकाहेम १२३६६- पे.क्र. २, पृ. १, पार्श्वनाथलघुस्तवन आदि, वि-१७मी, संपूर्ण स्तम्भनकपार्श्वनाथस्तुति (पार्श्वनाथस्तुति स्तम्भनक) मारुगूर्जर, पद्य, गा.१३, आदि वाक्यः सखे थाम्भणइ पासुसामि नमिजइ.. पाकाहेम ९०२- पे.क्र. ४१, पृ. २२७-२२८, ओघनियुक्ति आदि अनेक प्रकीर्णक-प्रकरण-कुलक-स्तोत्रसङ्ग्रह, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३१ स्तम्भनकपार्श्वनाथस्तोत्र (पार्श्वनाथस्तोत्र) आचार्य-जिनसोमसूरि, सं., पद्य, का.११, आदि वाक्यः श्रीस्तम्भनं पार्श्वजिनं... पाकाहेम १२३७७- पे.क्र. १, पृ. १, स्तम्भनकपार्श्वनाथस्तोत्र आदि, वि-१७मी, संपूर्ण स्तम्भनपार्श्वजिनस्तवन (पार्श्वजिनस्तवन) सं., पद्य, श्लोक५, आदि वाक्यः स्तुवे श्रीस्तम्भनाम्भोजं... पाकाहेम १२३७८ - पे.क्र.५, पृ. १, कल्याणकस्तोत्र आदि, वि-१६मी, संपूर्ण स्तम्भनपार्श्वनाथ प्रबन्ध (पार्श्वनाथ प्रबन्ध). (स्थम्भनपार्श्वनाथ प्रबन्ध) आचार्य-मेरुतुङ्गसूरि[अंचलगच्छीय(विधि], सं., रचना सं. विक्रम १४०१, पाकाहेम १४९६५, पृ. ९३, स्थम्भनपार्श्वनाथप्रबन्ध, वि-१४२४, अपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २२,२४,२५,२८,२९,३२,३३,४३,५६,८२,८४ नथी. स्तम्भनपार्श्वनाथ शृङ्खलालङ्कारमय स्तवन# (शृङ्खलालङ्कारमय स्तम्भनपार्श्वनाथ स्तवन), (पार्श्वनाथ स्तवन शृङ्खलालङ्कारमय) सं., पद्य, का.८, आदि वाक्यः स्तवीमि तं पार्श्व.... पाकाहेम १२३६७- पे.क्र. २, पृ. १, पार्श्वनाथशर्मस्तव आदि, वि-१६मी, संपूर्ण स्तम्भनपार्श्वनाथस्तव (पार्श्वनाथपञ्चविंशिका), (पार्श्वनाथस्तव) आचार्य-देवसुन्दरसूरि, सं., पद्य, का.२५, आदि वाक्यः स्फुरत्केवलज्ञान... पाकाहेम ८५१३- पे.क्र. ३, पृ. २-२, जिनस्तोत्रसङ्ग्रह, वि-१६मी, संपूर्ण पे. नाम- स्तम्भनकपार्श्वनाथ पंचविंशतिका, पे. विशेष- पुष्पिकान्तर्गत कर्ता में सोमसुन्दरसूरि का उल्लेख कुल झे.पृष्ठ-६ पाकाहेम १२१३६- पे.क्र. २, पृ. १, गिरिनारमहातीर्थमण्डन नेमिजिनस्तवन तथा पार्श्वनाथपञ्चविंशिका, वि १६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- जीर्णप्राय, आदिः श्रीमदैवताभिधान. आदिः स्फुरत्केवलज्ञानचारु. कुल झे.पृष्ठ-२ पाकाहेम १२३३०, पृ. १, स्तम्भनपार्श्वनाथस्तव, वि-१७मी, संपूर्ण स्तम्भनपार्श्वनाथस्तोत्र (पार्श्वनाथस्तोत्र) आचार्य-देवभद्रसूरि, प्रा., पद्य, गा.१६, आदि वाक्यः लच्छीलीलाभवणं थम्भणयपइट्ठियस्स पासस्स... 858

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