Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 825
________________ कलो कृति उपरथी प्रत माहिती सामुद्रिकशास्त्र जुओ - जैनसामुद्रिकशास्त्र, संस्कृत, श्लोक१२६ सामुद्रिकशास्त्र सं., पद्य, श्लोक११५, पाकाहेम ८९१३, पृ. ४, सामुद्रिकशास्त्र, वि-१५२६, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-५ सामुद्रिकशास्त्र सं., पद्य, श्लोक१८, पातासंघवी ५७-२- पे.क्र. २, पृ. १५९-१६२, उत्तराध्ययनसूत्र आदि, वि-१३८१, संपूर्ण प्रत विशेष- कागळमां. डीवीडी-२९/४८ पातासंघवी ६०-३- पे.क्र. ३, पृ. १२९-१३०, मासकल्पादि अनेक आगमोद्धृत विचारो आदि, संपूर्ण पे. नाम- अंगलक्षण फलकथन, पे. विशेष- अपूर्ण. श्लोक-१४ तक है. कुल झे.पृष्ठ-३६, डीवीडी-३०/४८ पाकाहेम १६१६७, पृ. २८, सामुद्रिकशास्त्रसस्तबक, वि-१७९१, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२८ पाकाहेम १६१६८, पृ. ४, सामुद्रिकशास्त्र, वि-१७मी, संपूर्ण सामुद्रिकशास्त्र-(मा.गु.)स्तबक मारुगूर्जर, गद्य, पाकाहेम १६१६७, पृ. २८, सामुद्रिकशास्त्रसस्तबक, वि-१७९१, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२८ सामुद्रिकशास्त्र नारदीय जुओ - नारदीय सामुद्रिकशास्त्र, ऋषि-नारद देवर्षि, संस्कृत,प्राकृत, श्लोक७६ सामुद्रिकशास्त्र-(मा.गु.)स्तबक मारुगूर्जर, गद्य, पाकाहेम १६१६७, पृ. २८, सामुद्रिकशास्त्रसस्तबक, वि-१७९१, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२८ साम्यशतक आचार्य-विजयसिंहसूरि, गुरु-मुनि-शान्तिमुनि, सं., पद्य, श्लोक३०४, पातासंघवी १७०-२- पे.क्र.३, पृ. १५७-१७१, योगशास्त्र द्वादश प्रकाश आदि, संपूर्ण पे. विशेष- पत्र ५९मुं नथी. डीवीडी-३६/५४ सारङ्गशब्दषष्टिअर्थगर्भितवीरस्तवन (वीरजिनस्तवन सारङ्गशब्दषष्टिअर्थगर्भित) मुनि-गुणविजय, सं., पद्य, का.१९, पाकाहेम ८२२६- पे.क्र. १, पृ. १, सारङ्गशब्दषष्टिअर्थगर्भितवीरस्तवन आदि, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ सारसङ्ग्रह जुओ - आयुःसङ्ग्रह, आचार्य-महेन्द्रसिंहसूरि, प्राकृत, गा.८२ सारसमुच्चयकुलक प्रा., पद्य, गा.३८, आदि वाक्य: नरनरवइदेवाणं जं सोक्खं सव्वमुत्तमं लोए... पाताखेत ६- पे.क्र. १६, पृ. १२५-१२८, उपदेशमालादि ५४ ग्रन्थो, संपूर्ण प्रत विशेष- शुद्ध प्रति. कुल झे.पृष्ठ-११०, डीवीडी-६१/६३ सारस्वतधातुपाठ आचार्य-अनुभूतिस्वरुप[जैनेतर, सं., पाकाहेम १०२०७, पृ. १०, सारस्वतधातुपाठ सावचूरि त्रिपाठ, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-११ 808

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