Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

View full book text
Previous | Next

Page 849
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती सं., गद्य, पाताहेसं १५७, पृ. २८७, सिद्धहेमशब्दानुशासनवृत्तिविवरण अध्याय ३ पाद २ पर्यन्त, प्रतिपूर्ण डीवीडी-८/१८ सिद्धहेमशब्दानुशासननी लघुवृत्ति-(सं.)अवचूरि (दुर्गपदवृत्ति) सं., गद्य, आदि वाक्यः सर्वज्ञं सर्वदेवाय॑ प्रणम्य विवृणोम्यहम् ।... पाकाहेम १०२००, पृ. १७, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्तिअवचूरि-द्वितीयाध्याय द्वितीयपादपर्यन्त, वि-१५मी, प्रतिपूर्ण __ कुल झे.पृष्ठ-१८ सिद्धहेमशब्दानुशासननो हिस्सो अष्टम अध्याय प्राकृतव्याकरण (प्राकृतव्याकरण), (सिद्धहेम प्राकृत व्याकरण) आचार्य-हेमचन्द्रसूरि, सं.,प्रा., गद्य, आदि वाक्यः अथ प्राकृतं... पाकाहेम ६७८०- पे.क्र. २, पृ. ८०, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्तितृतीयाध्याय तृतीयपादथी सप्तमाध्यायपर्यन्त तथा सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्याय बृहदत्तिसहित, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८० पाकाहेम ७१९०- पे.क्र. १, पृ. ?, सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्यायसूत्रपाठ स्वोपज्ञ बृहद्भत्तिसहित तथा दुण्ढिकासहित त्रिपाठ, वि-१६६०, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८५ पाकाहेम ९४९८, पृ. १-१४, सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्याय बृहद्वृत्तिसह, वि-१६मी, अपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४९ भांका ९३, पृ. १७, सिद्धहेम प्राकृतव्याकरण टीका, संपूर्ण डीवीडी-८४ सिद्धहेमशब्दानुशासननो हिस्सो अष्टम अध्याय प्राकृतव्याकरण-(सं.)प्राकृतप्रबोधवृत्ति (सिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासन अष्टमाध्यायवृत्ति-प्राकृतप्रबोध), (प्राकृतप्रबोध वृत्ति) आचार्य-नरचन्द्रसूरि मलधारी, सं., गद्य, पातासंघवी १४२-२- पे.क्र. २, पृ. १-१२७, द्व्याश्रय प्राकृत महाकाव्य आदि, संपूर्ण प्रत विशेष- आ ग्रंथमां जुदे जुदे ठेकाणे २३ पानां खूटे छे. डीवीडी-३५/५३ पाकाहेम १०६७३, पृ. ३०, प्राकृतप्रबोध-सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्यायवृत्ति, वि-१६१३, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति पाणीथी भींजायेली छे. सिद्धहेमशब्दानुशासननो हिस्सो अष्टम अध्याय प्राकृतव्याकरण-(सं.)बृहद्वृत्ति (प्रकाशिका वृत्ति) आचार्य-हेमचन्द्रसूरि, सं., गद्य, ग्रं.२५००, आदि वाक्यः अथ शब्द आनन्तर्यार्थो... पातासंघवी १८१-२, पृ. १-५३, सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्याय प्रकाशिका नाम्नी वृत्ति, संपूर्ण डीवीडी-३७/५४ पाकाहेम ६७८०- पे.क्र. २, पृ. ८०, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्तितृतीयाध्याय तृतीयपादथी सप्तमाध्यायपर्यन्त तथा सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्याय बृहद्वृत्तिसहित, वि-१५मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८० पाकाहेम ७१९०- पे.क्र. १, पृ. १२८, सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्यायसूत्रपाठ स्वोपज्ञ बृहद्वृत्तिसहित तथा दुण्ढिकासहित त्रिपाठ, वि-१६६०, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८५ पाकाहेम ९४९८, पृ. १-१४, सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्याय बृहद्वृत्तिसह, वि-१६मी, अपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४९ भांका ९३, पृ. १७, सिद्धहेम प्राकृतव्याकरण टीका, संपूर्ण डीवीडी-८४ सिद्धहेमशब्दानुशासननो हिस्सो अष्टम अध्याय प्राकृतव्याकरणनी (सं.)बृहद्वृत्तिनी (सं.)प्राकृतदीपिका वृत्ति (प्राकृतदीपिका टीका) आचार्य-हेमचन्द्रसूरि, सं., गद्य, 832

Loading...

Page Navigation
1 ... 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895