Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

View full book text
Previous | Next

Page 855
________________ सीमन्धरजिन स्तुति प्रा. पथ, गा.४, आदि वाक्यः महीमण्डनं पुण्ण पद्य, " पाकाहेग ११६८३- पे. क्र. १ पृ. १३ सीमन्धरजिनस्तुति सटीक आदि वि-१९६४, संपूर्ण सीमन्धर जनस्तुति प्रत विशेष आदि महीमंडनं पुण्णं. आदि नामेथं संबवंत. कुल झे. पृष्ठ-३ कुल झे. पृष्ठ ७२ डीवीडी-७३/८२ कृति उपरथी प्रत माहिती आचार्य जयशेखरसूरि सं., पद्य, का. ११ आदि वाक्य असुरसुरमधुपकुल..... " सीमन्धरजिनस्तोत्र कृ.विः गेयरूपा. पाकाहेम ९०२- पे.क्र. २४, पृ. २०६ - २०७, ओघनियुक्ति आदि अनेक प्रकीर्णक प्रकरण- कुलक-स्तोत्रसङ्ग्रह, संपूर्ण कुल हो. पृष्ठ-३१ प्रा., पद्य, गा.२०, कृ. विः अन्तवाक्य - सासयसुहेक्कजणउ कयनाहो होउ भव्वाणं. पाताहेसं १६८- पे.क्र. १५, पृ. २९-३०आ, दशवैकालिकसूत्र, पाक्षिक सूत्रस्तोत्रवृत्ति, स्तुति स्तवनादि, संपूर्ण पे. विशेष संपूर्ण झेरोक्ष पत्र-३१-३२. सीमन्धरजिनस्तोत्र प्रत विशेष- प्रारंभिक कुछेक पत्र उभय पार्श्व खंडित होने से पाठ भी खंडित है.. कुल झे. पृष्ठ-७२, डीवीडी-९/१८ आचार्य-वादिदेवसूरि, प्रा., पद्य, गा.९, आदि वाक्यः निज्जियमोहं सम्पत्तकेवलं सुरवरिन्दकयपूयं .... पाकाहेम १०२३- पे.क्र. ४७ पृ. ११६ प्रकरणस्तोत्रादिसङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति पाणीथी भींजायेली छे. कुल झे. पृष्ठ- १४५ सीमन्धरस्तव भाषाष्टकमय (भाषाष्टकमय सीमन्धरस्तव), (अष्टभाषामय सीमन्धरजिनस्तव) गणि-जिनहर्ष गणि, सं., प्रा., अप., पद्य, का. २७, आदि वाक्यः श्रीसर्वज्ञसमग्रसौख्यपदवी... कृ.वि: अष्टभाषायुक्त. पाकाहेम १२३०२, पृ. १, भाषाष्टकमयसीमन्धरस्तव सावचूरिपञ्चपाठ, वि- १८मी, संपूर्ण पाकाहेम १२३०३ पृ. १ भाषाष्टकमयसीमन्धरस्तव सावचूरिपञ्चपाठ, वि-१७४५, संपूर्ण सीमन्धरस्तव भाषाष्टकमय (सं.) अवचूरि , सं., गद्य, पाकाहेम १२३०२, पृ. १, भाषाष्टकमयसीमन्धरस्तव सावचूरिपञ्चपाठ वि-१८मी, संपूर्ण पाकाहेम १२३०३, पृ. १, भाषाष्टकमयसीमन्धरस्तव सावचूरिपञ्चपाठ, वि-१७४५, संपूर्ण सीमन्धरस्तव भाषाष्टकमय - (सं.) अवचूरि सं. गद्य, पाकाहेम १२३०२, पृ. १, भाषाष्टकमयसीमन्धरस्तव सावचूरिपञ्चपाठ वि-१८मी, संपूर्ण पाकाहेम १२३०३, पृ. १, भाषाष्टकमयसीमन्धरस्तव सावचूरिपञ्चपाठ, वि-१७४५, संपूर्ण सीमन्धरस्तुति सं., पद्य, का.४, आदि वाक्य कोटाकोटचत्तर ..... पाकाहेम १२३८४- पे.क्र. ३, पृ. २, नारङ्गपुरमण्डन पार्श्वजिनस्तवन आदि, वि-१६७३, संपूर्ण सीमन्धरस्वामिस्तवन प्रा., पद्य, गा. २१, पाकाहेग ४६४०- पे क्र. २ पृ. ८ उपदेशमालाप्रकरण तथा सीमन्धरस्वामिस्तवन वि-१६मी संपूर्ण कुल डी. पृष्ठ-९ 838

Loading...

Page Navigation
1 ... 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895