Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- पत्र १२४ उपर अंको लखेला छे. बाकीना ७ पाना उपर अंको नथी, आ साथे अनेकार्थना १६
पाना अने ४ पाना कोई बीजा ग्रंथना छे.
डीवीडी-३२/५० पातासंघवी १०४-१, पृ. १४९, सिद्धहेमलघुवृत्ति पञ्चमाध्याय, संपूर्ण
डीवीडी-३३/५१ पातासंघवी १३७-२, पृ. १-१९३, सिद्धहेमशब्दानुशासनलघुवृत्ति पञ्चमाध्याय, वि-१२२१, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-३५/५३ पातासंघवी १४१-१, पृ. १-४१, सिद्धहेमशब्दानुशासन वृत्ति-बीजा अध्यायना प्रथमपाद सुधी, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-३५/५३ पातासंघवी १५६-२, पृ. १०, सिद्धहेमलघुवृत्ति तद्धित ६-१ थी ७ मां ना ४ पाद सुधी, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- पत्रांक नथी.
डीवीडी-३६/५३ पातासंघवी १६७-२, पृ. १६२, सिद्धहेमलघुवृत्ति-तृतीयाध्यायतृतीयपाद थी पञ्चमाध्याय पर्यन्त, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- छेल्ला पानाना बे टुकडा छे.
डीवीडी-३६/५४ पातासंघवी १८०-१, पृ. १-१९, सिद्धहेमआख्यात वृत्ति, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- पाछळ त्रुटक छे. वचमां बे ठेकाणे कागळना पत्रो छे ते उधईथी खवाई गया छे.
डीवीडी-३६/५४ पातासंघवी १८९-२, पृ. १-४, सिद्धहेमशब्दानुशासनलघुवृत्ति तृतीयाध्याय-द्वितीयापादावचूरि, प्रतिपूर्ण
प्रत विशेष- प्रथम वृत्ति पातासंघवी २०६-१, पृ. २०४, सिद्धहेमशब्दानुशासन आख्यात लघुवृत्ति, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- पाछलां अने वचलां केटलांक पानानी कोरो खरी गई छे.
डीवीडी-३८/५५ पाताहेसं १२७- पे.क्र. १, पृ. १-११५, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्तिअध्याय ३ पाद ३ थी अध्याय ५, पाद-४,
वि-१३७०, प्रतिपूर्ण पे. विशेष- चतुष्क वृत्ति.
डीवीडी-८/१७ पाताहेसं १३१, पृ. १६६, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्तिअवचूरी सह, वि-१४०३, संपूर्ण प्रत विशेष- तृतीय अध्याय द्वितीयपाद पर्यंत अवचूरि.
डीवीडी-८/१७ पाताहेसं १५७, पृ. २८७, सिद्धहेमशब्दानुशासनवृत्तिविवरण अध्याय ३ पाद २ पर्यन्त, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-८/१८ पाताहेसं १८०- पे.क्र. १, पृ. ३५१, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्ति, संपूर्ण प्रत विशेष- गायकवाड केटलॉगमां हैमबृहद्वृत्ति, अध्याय १-२, आम लख्यु छे. चार चित्रों युक्त, जेमां सिद्धराज जयसिंह हेमचन्द्रसूरिने न, व्याकरण रचवा विनंती करे छे, हाथीनी अंबाडीए व्याकरण लई जाय छे-विगेरे.
डीवीडी-९/१९ पाकाहेम ६७८०- पे.क्र. १, पृ. १-५१, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्तितृतीयाध्याय तृतीयपादथी सप्तमाध्यायपर्यन्त
तथा सिद्धहेमशब्दानुशासन अष्टमाध्याय बृहद्वृत्तिसहित, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-८० पाकाहेम १०१९८, पृ. ३८, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्ति-षष्ठ-सप्तमाध्याय व्युत्पत्तिदीपिका-तद्धितवृत्ति, वि
१५मी, प्रतिपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३९ पाकाहेम १०४४३, पृ. १६, सिद्धहेमशब्दानुशासन लघुवृत्तिद्वितीयाध्याय द्वितीयपादपर्यन्त, वि-१५मी, प्रतिपूर्ण
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