Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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कृति उपरथी प्रत माहिती पातासंघवीजीर्ण ४३, पृ. २१३, शब्दानुशासनबृहद्वृत्ति-पाद २,३, त्रुटक प्रत विशेष- ताडपत्र-१३५, जीर्ण-कागळना ७८ पत्र त्रुटक.
डीवीडी-५७/६० पातासंघवीजीर्ण ५१, पृ. १७५, सिद्धहेमबृहद्भत्ति (तद्धितपाद चारनी) , प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- जीर्ण, त्रुटक ने नकामी.
डीवीडी-५७/६० पातासंघवी ४९- पे.क्र. १, पृ. १-१९४, सिद्धहेमबृहद्वृत्ति आदि, संपूर्ण
पे. नाम- सिद्धहेम बृहद्वृत्ति अध्याय २ पाद ३ पर्यन्त प्रत विशेष- विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका., पेटांक १मां १९४ पेज छे अने पेटांक २मां १५० पेज छे.
डीवीडी-२८/४६ पातासंघवी ४९- पे.क्र.२, पृ. १-१५०, सिद्धहेमबृहद्वृत्ति आदि, संपूर्ण
पे. नाम- सिद्धहेम बृहद्वृत्ति अध्याय ३ थी ५ प्रत विशेष- विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका., पेटांक १मां १९४ पेज छे अने पेटांक २मां १५० पेज छे.
डीवीडी-२८/४६ पातासंघवी ११६, पृ. ३४८, सिद्धहेमशब्दानुशासन बृहद्वृत्ति अध्याय ६-७, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- घणी सारी छे.
डीवीडी-३३/५२ पातासंघवी ९८-१, पृ. १३९, सिद्धहेमबृहद्भत्ति ९-१० पाद, संपूर्ण प्रत विशेष- पाद-९-१०.
डीवीडी-३३/५१ पातासंघवी ११०-१, पृ. २७५, सिद्धहेमआख्यातबृहद्वृत्ति, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-३३/५२ पाताहेसं १२८, पृ. २६८, सिद्धहेमशब्दानुशासन बृहद्वृत्ति-अध्याय २ पाद २ पर्यन्त टिप्पणी सह, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- गायकवाड केटलॉग अध्याय १ थी ३, पाद-२ पर्यन्त-एम लखेल छे.
डीवीडी-८/१७ पाताहेसं १२९, पृ. २१०, सिद्धहेमशब्दानुशासन बृहद्वृत्ति अध्याय २ पाद ३ थी अध्याय ३ पाद २ पर्यन्त टीप्पणी
सह, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-८/१७ पाताहेसं १३०, पृ. १३०, सिद्धहेमशब्दानुशासन बृहद्वृत्ति पञ्चमाध्याय कृद्वृत्ति, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-८/१७ पाताहेसं १५१- पे.क्र.३, पृ. ?, उपदेशमालाकथासक्षेपविवरणादि त्रुटक खण्डित अपूर्ण नकामा पानानो
सङ्ग्रह, संपूर्ण पे. नाम- हैमाख्यातकृबृहद्वृत्ति, पे. विशेष- अपूर्ण. ग्रन्थाग्र-२३६९. झेरोक्ष पत्र-३० पर है.
कुल झे.पृष्ठ-४२, डीवीडी-८/१७ पाताहेसं १५४, पृ. २०२, सिद्धहेमशब्दानुशासन स्वोपज्ञबृहद्वृत्ति सह अध्याय-२, पाद ३ थी अध्याय ३, पाद २,
प्रतिपूर्ण
डीवीडी-८/१८ पाताहेसं १५५, पृ. २५०, सिद्धहेमशब्दानुशासन स्वोपज्ञबृहद्वृत्ति सह अध्याय ३, पाद ३ थी अध्याय ४ पाद ३,
प्रतिपूर्ण
डीवीडी-८/१८ पाताहेसं १५६, पृ. २४७, सिद्धहेमशब्दानुशासन स्वोपज्ञ बृहद्वृत्ति पञ्चमोध्याय (कृदन्त), प्रतिपूर्ण
डीवीडी-८/१८ पाताहेसं १७८, पृ. ३८६, सिद्धहेमशब्दानुशासन स्वोपज्ञ बृहद्भत्ति सह तद्धित, वि-१२९७, प्रतिपूर्ण डीवीडी-९/१९
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