Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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कृति उपरथी प्रत माहिती पाकाभाभा ४४, पृ.८, सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरण पञ्चपाठ बालावबोध सह, वि-१७वी, संपूर्ण सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरण-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम १३५७६, पृ. ५, सिद्धपञ्चाशिका सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१९मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-४ सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरण-(मा.गु.)बालावबोध
मारुगूर्जर, गद्य,
पाकाभाभा ४४, पृ. ८, सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरण पञ्चपाठ बालावबोध सह, वि-१७वी, संपूर्ण सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरण-(सं.)छाया
, सं., पद्य, आदि वाक्यः सिद्धं सिद्धार्थसुतं नत्वा... पुप्रे ४१८- पे.क्र. ३, पृ. १६७, विशेषवती आदि, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-९ तक ही है.
कुल झे.पृष्ठ-१७२ सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरण-(मा.गु.)बालावबोध
मारुगूर्जर, गद्य,
पाकाभाभा ४४, पृ. ८, सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरण पञ्चपाठ बालावबोध सह, वि-१७वी, संपूर्ण सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरण-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम १३५७६, पृ. ५, सिद्धपञ्चाशिका सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१९मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-४ सिद्धपञ्चाशिकाप्रकरण-(सं.)छाया
, सं., पद्य, आदि वाक्यः सिद्धं सिद्धार्थसुतं नत्वा... पुप्रे ४१८- पे.क्र. ३, पृ. १६७, विशेषवती आदि, संपूर्ण पे. विशेष- गाथा-९ तक ही है.
कुल झे.पृष्ठ-१७२ सिद्धपाहुड जुओ - सिद्धप्राभृतसूत्र, प्राकृत, गा.१२१ सिद्धपूजाप्रक्रम, नैवेद्यप्रक्रम, प्रदीपारात्रिकप्रक्रम, पूजाप्रक्रम, मातरपूजाप्रक्रम, स्थापनाचार्यप्रक्रम, षड्विधावश्यकप्रक्रम,
आर्यिकाप्रक्रम (नैवेद्यप्रक्रम), (प्रदीपारात्रिकप्रक्रम), (पूजाप्रक्रम), (मातरपूजाप्रक्रम), (स्थापनाचार्यप्रक्रम), (षड्विधावश्यकप्रक्रम). (आर्यिकाप्रक्रम)
सं.,प्रा., आदि वाक्यः मग्गे नाणाण सिवं पत्ता... पातासंघवी ६२-२- पे.क्र. १९, पृ. ११०-१४२, सामाचारी आदि, संपूर्ण
पे. विशेष- पत्र १२१,१२५,१२६,१२७,१३६,१४२ नथी. प्रत विशेष- अन्ते चन्द्रशेखरसूरि जन्म पत्रिका आदि.
कुल झे.पृष्ठ-५२, डीवीडी-३०/४९ सिद्धप्राभृतसूत्र (सिद्धपाहुड)
प्रा., पद्य, गा.१२१, आदि वाक्यः (१) तिहुयण पणए तिहुयण गुणाहिए तिहुयणातिसयणाणे।...(२) तिहुअण पणए
तिहुअण गुणाहिए तिहुअणातिसयणाणे।... पातासंघवी ६८-३- पे.क्र.२, पृ. ६९-८१, सिद्धप्राभृतटीका आदि, वि-१४४४, संपूर्ण
पे. विशेष- गाथा-१२०. प्रत विशेष- विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका.
डीवीडी-३०/४९ पाकाहेम ६५५५- पे.क्र. १, पृ. १-१४?, सिद्धप्राभृतसूत्र आदि, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१४ पाकाहेम १००९४- पे.क्र. १, पृ. १-३, सिद्धप्राभृतप्रकरण व वृत्ति, वि-१५७४, संपूर्ण
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