Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 820
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- पेटांक मां पेज जुदा जुदा छे. कुल झे.पृष्ठ-३२, डीवीडी-२९/४८ साधुगुण(?) , पद्य, श्लोक१३, पातासंघवी ५६-२- पे.क्र.९, पृ.?, उपदेशमाला आदि, वि-१३वी, संपूर्ण पे. विशेष- यह कृति इस प्रत में उपलब्ध नहीं है. प्रत विशेष- पत्रांक अव्यवस्थित स्थिति में तथा उलटे क्रम में झेरोक्ष किया गया है. कुल झे.पृष्ठ-२२, डीवीडी-२९/४८ साधुगुणकुलक प्रा., पद्य, गा.२४, पाकाहेम १२१२४- पे.क्र. ३७, पृ. १२५-१२६, प्रकरणसङ्ग्रह आदि, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २३मुं नथी. कुल झे.पृष्ठ-८१ साधुगुणरत्नसमुच्चय समरसिंह, मारुगूर्जर, पद्य, रचना सं. विक्रम १५९२, गा.३९८, पाकाहेम १०७९९, पृ. २५, साधुगुणरत्नसमुच्चय-औपपातिकसूत्रानुसारी, वि-१७मी, संपूर्ण साधुजीतकल्प जुओ - जीतकल्पसूत्र, गणि-जिनभद्र गणि क्षमाश्रमण, प्राकृत, ग्रं.१३०, गा.१०५ साधुत्वव्यवस्थापनवादस्थल सं... पाकाहेम ८८०२, पृ. ८, साधुत्वव्यवस्थापनवादस्थल, वि-१८मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पं. रविवर्धनलिखित. कुल झे.पृष्ठ-६ साधुपाक्षिकअतिचार (पाक्षिकअतिचार) मारुगूर्जर, पाकाहेम ६९३८- पे.क्र. २, पृ. ?, पाक्षिकसूत्र तथा साधुपाक्षिकअतिचार , वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१२ पाकाहेम ६९४०, पृ. ३, साधुपाक्षिकअतिचार, वि-१८मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३ पाकाहेम ७४८९, पृ. ९, साधुपाक्षिकअतिचार, वि-१८मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-९ पाकाहेम ७४९०, पृ.३, साधुपाक्षिकअतिचार, वि-१६९१, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३ पाकाहेम १०२७९, पृ. ३, साधुपाक्षिकअतिचार, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-४ साधुप्रतिक्रमणसूत्र जुओ - पगामसज्झाय, प्राकृत, ग्रं.५० साधुप्रतिक्रमणसूत्र प्रा., पद्य, गा.५३, कृ.विः अ.वा.-खमामि सव्वस्स अहियंपि. भांता ६४- पे.क्र. ९, पृ. १९३०-१९७B, उपदेशमाला आदि प्रकरणसङ्ग्रह, संपूर्ण पे. विशेष- झेरोक्ष पत्र-५५-५८. कुल झे.पृष्ठ-६०, डीवीडी-७२/८१ पाकाहेम १०४३३- पे.क्र. ३, पृ. १७-१८, दशवैकालिकसूत्रादि, वि-१६मी, अपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-१९ साधुलक्षण 803

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