Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
View full book text
________________
कृति उपरथी प्रत माहिती पे. नाम- साधारणजिनस्तोत्र सह (सं.)टीका, पे. विशेष- मूलश्लोक-६.
पाकाहेम १२३६१- पे.क्र.७, पृ. १, महावीरस्तुति आदि, वि-१७मी, संपूर्ण साधारणजिनस्तव-(सं.)टीका
सं., गद्य, पाकाहेम १२२५९, पृ. १-५, साधारणजिनस्तुति सटीक त्रिपाठ, वि-१८मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२ पाकाहेम १२३५८- पे.क्र. १, पृ. १-२, साधारणजिनस्तोत्र सटीक त्रिपाठआदि, वि-१७मी, संपूर्ण
पे. नाम- साधारणजिनस्तोत्र सह (सं.)टीका, पे. विशेष- मूलश्लोक-६. साधारणजिनस्तव-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम १२२५७, पृ. १-५, साधारणजिनस्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६८४, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२ साधारणजिनस्तव-(सं.)अवचूरि जुओ - देवाःप्रभोस्तोत्र-(सं.)अवचूरि, गणि-वानर्षि, संस्कृत साधारणजिनस्तव-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम १२२५७, पृ. १-५, साधारणजिनस्तोत्र सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६८४, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२ साधारणजिनस्तव-(सं.)टीका
सं., गद्य, पाकाहेम १२२५९, पृ. १-५, साधारणजिनस्तुति सटीक त्रिपाठ, वि-१८मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२ पाकाहेम १२३५८- पे.क्र. १, पृ. १-२, साधारणजिनस्तोत्र सटीक त्रिपाठआदि, वि-१७मी, संपूर्ण
पे. नाम- साधारणजिनस्तोत्र सह (सं.)टीका, पे. विशेष- मूलश्लोक-६. साधारणजिनस्तवन (जिनस्तवन)
आचार्य-अमरसिंहसूरि, सं., पद्य, श्लोक९, आदि वाक्यः भवभिदेनृसुरासुर पाकाहेम ७४०६- पे.क्र.५, पृ. ?, लक्षणशास्त्रमय महावीरस्तवन व्याश्रय सावचूरि आदि , वि-१७मी, संपूर्ण पे. नाम- साधारणजिनस्तवन सह (सं.)अवचूरि
कुल झे.पृष्ठ-२ साधारणजिनस्तवन-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम ७४०६- पे.क्र. ५, पृ. १, लक्षणशास्त्रमय महावीरस्तवन द्व्याश्रय सावचूरि आदि , वि-१७मी, संपूर्ण पे. नाम- साधारणजिनस्तवन सह (सं.)अवचूरि
कुल झे.पृष्ठ-२ साधारणजिनस्तवन (जिनस्तवन)
प्रा., पद्य, गा.१२, पाकाहेम ११०८६- पे.क्र. १, पृ. १, साधारणजिनस्तवन आदि, वि-१७मी, संपूर्ण
प्रत विशेष- जीर्णप्राय. साधारणजिनस्तवन
सं., पद्य, का.९, आदि वाक्यः शान्तो वेशः समसुखकला...
पाकाहेम १२३१०- पे.क्र. २, पृ. १, अजितनाथस्तवन सावचूरि पञ्चपाठ यमकबन्ध आदि, वि-१६मी, संपूर्ण साधारणजिनस्तवन (जिनस्तवन)
आचार्य-देवसुन्दरसूरि, सं., पद्य, का.११, आदि वाक्यः कलाभवन्तं सकलाधरन्तं...
पाकाहेम १२३७१- पे.क्र. १, पृ. १, साधारणजिनस्तवन आदि, वि-१५मी, संपूर्ण साधारणजिनस्तवन (जिनस्तवन)
801

Page Navigation
1 ... 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895