Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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कृति उपरथी प्रत माहिती आचार्य-जिनदत्तसूरि, प्रा., पद्य, गा.१५०, आदि वाक्यः पडिबिम्बिय पणयजयं जस्संह्रिरुहे... पाकाहेम ७००४, पृ. २४, सन्देहदोलावलीप्रकरण विधिरत्नकरण्डिकानामक लघुवृत्तिसहित, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१८ पाकाहेम ७०२५, पृ. ७५, सन्देहदोलावलीप्रकरण सटीक, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-७५ भांका २७५, पृ. १०५, सन्देहदोलावली सह टीका, वि-१६३७, संपूर्ण प्रत विशेष- १,१०,११ पाना डबल छे.
कुल झे.पृष्ठ-७०, डीवीडी-९० सन्देहदोलावलीप्रकरण-(सं.)विधिरत्नकरण्डिका लघुवृत्ति (विधिरत्नकरण्डिका लघुवृत्ति)
उपाध्याय-जयसागर वाचनाचार्य[खरतरगच्छ], गुरु-आचार्य-जिनराजसूरि[खरतरगच्छ], सं., गद्य, ग्रं.१५५०, पाकाहेम ७००४, पृ. २४, सन्देहदोलावलीप्रकरण विधिरत्नकरण्डिकानामक लघुवृत्तिसहित, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१८ सन्देहदोलावलीप्रकरण-(सं.)टीका
गणि-प्रबोधचन्द्र गणि, सं., गद्य, रचना सं. विक्रम १३२०, ग्रं.४७५०, आदि वाक्यः श्रीवर्द्धमानं प्रभुमानमाम्यहं
यज्ज्योतिषिस्फूर्जति सर्वतोमुखेन...
कृ.विः विशिष्ट रचना प्रशस्ति. र.सं.-अम्बरकरशिखिरूपमिते-१३२०. पाकाहेम ७०२५, पृ. ७५, सन्देहदोलावलीप्रकरण सटीक, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-७५ भांका २७५, पृ. १०५, सन्देहदोलावली सह टीका, वि-१६३७, संपूर्ण प्रत विशेष- १,१०,११ पाना डबल छे.
कुल झे.पृष्ठ-७०, डीवीडी-९० सन्देहदोलावलीप्रकरण-(सं.)टीका
गणि-प्रबोधचन्द्र गणि, सं., गद्य, रचना सं. विक्रम १३२०, ग्रं.४७५०, आदि वाक्य: श्रीवर्द्धमानं प्रभुमानमाम्यहं
यज्ज्योतिषिस्फूर्जति सर्वतोमुखेन...
कृ.विः विशिष्ट रचना प्रशस्ति. र.सं.-अम्बरकरशिखिरूपमिते-१३२०. पाकाहेम ७०२५, पृ. ७५, सन्देहदोलावलीप्रकरण सटीक, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-७५ भांका २७५, पृ. १०५, सन्देहदोलावली सह टीका, वि-१६३७, संपूर्ण प्रत विशेष- १,१०,११ पाना डबल छे.
कुल झे.पृष्ठ-७०, डीवीडी-९० सन्देहदोलावलीप्रकरण-(सं.)विधिरत्नकरण्डिका लघुवृत्ति (विधिरत्नकरण्डिका लघुवृत्ति)
उपाध्याय-जयसागर वाचनाचार्य[खरतरगच्छ], गुरु-आचार्य-जिनराजसूरि[खरतरगच्छ], सं., गद्य, ग्रं.१५५०, पाकाहेम ७००४, पृ. २४, सन्देहदोलावलीप्रकरण विधिरत्नकरण्डिकानामक लघुवृत्तिसहित, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१८ सन्देहविषौषधि टीका जुओ - शिशुपालवधमहाकाव्य-(सं.)सन्देहविषौषधि टीका, अज्ञात-वल्लभदेव, संस्कृत सन्देहविषौषधिप्रकरण जुओ - दर्शनशुद्धिप्रकरण, संस्कृत, गा.२८० सन्देहविषौषधिवृत्ति जुओ - कल्पसूत्र-(सं.)सन्देहविषौषधिवृत्ति, आचार्य-जिनप्रभसूरि, संस्कृत, ग्रं.२१६८ सन्मतितर्कप्रकरण
आचार्य-सिद्धसेन दिवाकर सूरि, प्रा., पद्य, आदि वाक्यः सिद्धं सिद्धट्ठाणं ठाणमणोवम सुहं... पाकाहेम ६६६१, पृ. २००, सन्मतितर्क तत्त्वबोधविधायिनी टीकासहित प्रथमखण्ड, वि-१५मी, प्रतिपूर्ण
प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-१२८३८. पाकाहेम ६८५४, पृ. २५, सन्मतितर्क तत्त्वबोधविधायिनीटीकासहित द्वितीयखण्ड, वि-१६५२, प्रतिपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२२५ पाकाहेम १६८९४, पृ. ५०४, सन्मतितर्कप्रकरणतत्वबोधविधायिनी टीका सह, वि-१७३४, संपूर्ण
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