Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

View full book text
Previous | Next

Page 804
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम ७१११- पे.क्र. २५, पृ. ६८-७१, सर्वसिद्धान्तविषमपदपर्याय, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-८४ समवायाङ्गसूत्र-(सं.)वृत्ति आचार्य-अभयदेवसूरि, सं., गद्य, रचना सं. विक्रम ११२०, ग्रं.३५७५, आदि वाक्यः वर्द्धमानमानम्य समवायाङ्गवृत्तिका।... पाकाहेम ६८९७, पृ. ८४, समवायाङ्गसूत्रवृत्ति, वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ३१मुं डबल छे. कुल झे.पृष्ठ-८४ पाकाहेम ९९९७, पृ. ६९, समवायाङ्गसूत्र वृत्ति, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-३७७५. प्रथम पत्रमा अष्टमङ्गल तथा शासनाधिष्ठायक देव-देवी सहित समवसरण भव्य चित्र छे. कुल झे.पृष्ठ-६९ पाकाहेम १०४१२, पृ. ४८, समवायाङ्गसूत्रवृत्ति, वि-१५९८, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-३७५०. पाकाहेम १०४६२, पृ. ८१, समवायाङ्गसूत्र वृत्ति, वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-३९७८. पाकाहेम १५४२९, पृ. ८३, समवायाङ्गसूत्रवृत्ति, वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-३७७५. प्रति शुद्ध करेल छे. झेरोक्स लीस्ट मां नथी. पाकाभाभा ७९, पृ. २४, समवायाङ्गसूत्रवृत्ति अपूर्ण, वि-१७वी, अपूर्ण पाकाभाभा ८०, पृ. ९०, समवायाङ्गसूत्रवृत्ति, वि-१६०८, संपूर्ण समस्याकाव्यत्रय साध्वीजी-शान्तिमाला गणिनी, सं., पद्य, पाकाहेम ८४९८- पे.क्र. २, पृ. १, चतुर्विंशतिजिनस्तव आदि, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ समस्यामय पार्श्वनाथस्तोत्र जुओ - पार्श्वनाथसमस्यामयस्तोत्र, उपाध्याय-श्रीवल्लभोपाध्याय, संस्कृत, का.१२ समस्याश्लोकसङ्ग्रह सं., पद्य, पाकाहेम ८६८४, पृ. १, सटीक समस्याश्लोकसङ्ग्रह, वि-१८वी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ समस्याश्लोकसङ्ग्रह-(सं.)टीका सं., पद्य, पाकाहेम ८६८४, पृ. १, सटीक समस्याश्लोकसङ्ग्रह, वि-१८वी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ समस्याश्लोकसङ्ग्रह-(सं.)टीका सं., पद्य, पाकाहेम ८६८४, पृ. १, सटीक समस्याश्लोकसङ्ग्रह, वि-१८वी, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-२ समस्यास्तवन सं., पद्य, श्लोकर, पातासंघवी १७२-३- पे.क्र. १, पृ. २A-३B, अपभ्रंशस्तोत्रादि सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- अस्तव्यस्त-त्रुटक., कर्ता-चक्रेश्वरसूरि आदि. कुल झे.पृष्ठ-३०, डीवीडी-३६/५४ समाधिशतक आचार्य-पूज्यपाददिगम्बर], सं., पद्य, 787

Loading...

Page Navigation
1 ... 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895