Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

View full book text
Previous | Next

Page 800
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती आचार्य चक्रेश्वरसूरि प्रा. ग्रं. ५३ आदि वाक्यः पञ्चसब्भा पनत्ता उववायसमा..... पाकाहेम १११५३- पे.क्र. २४, पृ. ३२-३३, मुनिचन्द्रसूरि-चक्रेश्वरसूरि-रत्नसिंहसूरिकृत प्रकरणसङ्ग्रह, वि-१९७९, संपूर्ण पे. विशेष ग्रन्थ श्लोक - ५३. कुल झे. पृष्ठ-३५ समकीत के ६७ भेद जुओ सम्यक्त्वकुलक, प्राकृत, गा. १७ समग्र ग्रन्थ परिमाण जुओ आगमादि विविध ग्रन्थों के सूत्रवृत्ति आदि का ग्रन्थपरिमाण, संस्कृत समयक्षेत्रसमास 3 समयसारप्रकरण - पद्य, भांता २५ पे.क्र. ८, पृ. १८४४-१९२B उपदेशमालाप्रकरण आदि संपूर्ण प्रत विशेष भण्डार संदर्भांक - ७४ (A) / ८०-८१. सूचीपत्र नं. २- २३२. डीवीडी-६९/७७ - आचार्य देवानन्दसूरि, सं., पद्य, रचना सं. विक्रम १४६९. पाकाहेम ६७१९, पृ. ३५, समयसारप्रकरण स्वोपज्ञटीकासहित, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- सं १६५८मां रत्ननिधानउपाध्याये शोधेल प्रति.. कुल झे. पृष्ठ-३६ पाकाहेम १०१४४, पृ. २१, समयसारप्रकरण सस्तबक, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ- २२ पाकाहेम १७१००, पृ. ४ समयसार प्रकरण वि-१५०३. संपूर्ण प्रत विशेष- दिगंबरीय कुल झ. पृष्ठ-४ समयसारप्रकरण (सं.) स्वोपज्ञ टीका आचार्य देवानन्दसूरि सं., गद्य, , पाकाहेम ६७१९, पृ. ३५, समयसारप्रकरण स्वोपज्ञटीकासहित वि-१५मी संपूर्ण प्रत विशेष सं १६५८मां रत्ननिधानउपाध्याये शोधेल प्रति. कुल झ. पृष्ठ-३६ झे. समयसारप्रकरण- (मा.गु.) टवार्थ मारुगूर्जर, गद्य, रचना सं. विक्रम १४६९, पाकाहेम १०१४४, पृ. २१, समयसारप्रकरण सस्तबक, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-२२ समयसारप्रकरण- (मा. गु. ) टबार्थ समराइच्चकहा मारुगूर्जर, गद्य, रचना सं. विक्रम १४६९, पाकाहेम १०१४४, पृ. २१, समयसारप्रकरण सस्तबक, वि-१७मी, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ- २२ समयसारप्रकरण- (सं.) स्वोपज्ञ टीका . आचार्य देवानन्दसूरि, सं., गद्य, पाकाहेम ६७१९, पृ. ३५, समयसारप्रकरण स्वोपज्ञटीकासहित, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- सं १६५८मां रत्ननिधानउपाध्याये शोधेल प्रति. कुल झे. पृष्ठ-३६ आचार्य - हरिभद्रसूरि, प्रा., संयुक्त प+ग, ग्रं. १००००, आदि वाक्यः पणमह विजियसुदुज्जयणिज्जियसुरमणुयविसमसरपसरं । .... पाताहेसं ४८, पृ. ३५४, समराइच्चकहा, संपूर्ण 783

Loading...

Page Navigation
1 ... 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895