Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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कृति उपरथी प्रत माहिती सप्तनय-विवरण
सं., पद्य, आदि वाक्यः जीवाजीवा चावश्च संवरो निर्जरा तथा... पातासंघवीजीर्ण ५९- पे.क्र. ७, पृ. ?, प्रवचनसन्दोह-पञ्चसूत्रादि तथान्यायकन्दली टीका, संपूर्ण
पे. विशेष- अपूर्ण. झेरोक्ष पत्र २७-३० पर है. श्लोक २८ तक है. प्रत विशेष- त्रुटक-नकामी-जीर्ण.
कुल झे.पृष्ठ-६८, डीवीडी-५७/६० पाकाहेम ६९४१- पे.क्र. २, पृ. १६७-१७३, पाक्षिकसूत्र बालावबोधसहित तथासप्तनयविवरण, वि-१७९१, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१७४ सप्तपदार्थी
भावविश्वेश्वर, सं., गद्य, पाकाहेम १०११३, पृ. ८, सप्तपदार्थी, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-९ सप्तपदार्थी-(सं.)कणपोटली टीका (कणपोटली टीका)
सं., गद्य, पाकाहेम १०११२, पृ. १२, सप्तपदा टीका कणपोटली, वि-१५१५, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति पाणीथी भींजायेली छे. पत्र ३M नथी.
कुल झे.पृष्ठ-१३ सप्तपदार्थी-(सं.)कणपोटली टीका (कणपोटली टीका)
सं., गद्य, पाकाहेम १०११२, पृ. १२, सप्तपदार्थीटीका कणपोटली, वि-१५१५, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति पाणीथी भींजायेली छे. पत्र ३जु नथी.
कुल झे.पृष्ठ-१३ सप्तविचार (भडलीना जेवू) (भडलीना जेवू)
सं., पद्य, पातासंघवी १८०-२- पे.क्र. २, पृ. ३५-४२, त्रिभुवनसार योगशास्त्र प्रकाशत्रण आदि, संपूर्ण पे. विशेष- पत्र ३८-४० नथी.
डीवीडी-३६/५४ सप्तशती छाया जुओ - गाथा सप्तशती-(सं.)छाया, अज्ञात-जल्हणदेव, संस्कृत सप्तषष्टि सम्यक्त्वभेद जुओ - सम्यक्त्वकुलक, प्राकृत, गा.१७ सप्रपञ्चकालचक्र (कालचक्र सप्रपञ्च)
प्रा., पद्य, गा.२३, आदि वाक्यः नमिऊण जिणं सुयदेवयं च वोच्छं गगुरुवएसेणं... भांता ७०- पे.क्र. ११६, पृ. १५१०-१५३A, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे.
कुल-४२०० श्लोक. अन्तमा पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका.
कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ सप्रपञ्चपृथ्वीकायादिविचार
प्रा., गद्य, आदि वाक्यः कोट्ठय पत्तय चम्पयमालय... भांता ७०- पे.क्र. १५९, पृ. २०९B-२१२B, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे.
कुल-४२०० श्लोक. अन्तमां पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका.
कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ सभापञ्चकप्रकरण-देवोपत्तिस्वरूपप्रकरण (देवोपत्तिस्वरूपप्रकरण सभापञ्चकप्रकरण )
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