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कृति उपरथी प्रत माहिती कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ भगवतीसूत्रखण्ड भगवतीसूत्र-(सं.)बीजक सं., गद्य,
कृ.विः शारदाबेन चिमनभाई रिसर्च सेंटर-अहमदाबाद से प्रकाशित सूचिपत्र में भाषा प्राकृत का उल्लेख है
परंतु प्रत में भाषा संस्कृत है. पाकाहेम १५४१९, पृ. १८, भगवतीसूत्र बीजक, वि-१७६२, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रं.४९०. संवत-नेत्ररसमुनिशशिवर्षे. शारदाबेन चिमनभाई रिसर्च इंस्टिट्यूट से प्रकाशित
सूचिपत्र में भाषा प्राकृत का उल्लेख है.
कुल झे.पृष्ठ-९ भगवतीसूत्र-(प्रा.+सं.)आलापकसङ्ग्रह (आलापकसङ्ग्रह)
प्रा.,सं., पद्य, आदि वाक्यः अरहन्त सिद्ध पवयण गुरु थेर बहुस्सुए... भांता ७०- पे.क्र. १३९, पृ. १९००-१९५B, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे.
कुल-४२०० श्लोक. अन्तमां पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका.
कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ भगवतीसूत्र-(प्रा.)दण्डक (भगवतीसूत्र दण्डक)
प्रा., गद्य, आदि वाक्यः अहाकम्मणं भुञ्जमाणे समणे निग्गन्थे किं बन्धइ... भांता ७०- पे.क्र. १५०, पृ. २०१०-२०२०, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण
पे. नाम- अष्टादशधा रसवती, पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-१४४३. प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे.
कुल-४२०० श्लोक. अन्तमां पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका.
कुल झे.पृष्ठ-७६, डीवीडी-७२/८२ भगवतीसूत्र दण्डक जुओ - भगवतीसूत्र-(प्रा.)दण्डक, प्राकृत भगवतीसूत्र-(प्रा.)चूर्णी
प्रा., पद्य, श्लोक३०००, पाकाहेम ८५४, पृ. ३५, भगवतीसूत्रचूर्णि, संपूर्ण पाकाहेम ६५३१, पृ. ५७, भगवतीसूत्रचूर्णि, वि-१४९५, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-४७०७.
कुल झे.पृष्ठ-५९ पाकाहेम ६५४९, पृ. ७८, भगवतीसूत्रचूर्णि, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-७७ पाकाहेम ६७३१, पृ. ८०, भगवतीसूत्रचूर्णि, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-३५९०.
कुल झे.पृष्ठ-८० पाकाहेम ९९९९, पृ. ४२, भगवतीसूत्र चूर्णि, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-३११४.
कुल झे.पृष्ठ-४२ भगवतीसूत्र-(प्रा.)दण्डक (भगवतीसूत्र दण्डक)
प्रा., गद्य, आदि वाक्यः अहाकम्मणं भुञ्जमाणे समणे निग्गन्थे किं बन्धइ... भांता ७०- पे.क्र. १५०, पृ. २०१०-२०२B, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण
पे. नाम- अष्टादशधा रसवती, पे. विशेष- सूचीपत्रांक-१-१४४३.
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