Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 772
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- झेरोक्ष पत्र ५० नथी. एटले के मूल पत्र ७९B-८३B नो झेरोक्ष उपलब्ध नथी. कुल झे.पृष्ठ-५१, डीवीडी-३६/५३ षड्विधलेश्या प्रा., पद्य, गा.१२, आदि वाक्यः जह जम्बुपायवेगो सुपक्कफलभारनमिय सालग्गो... पातासंघवीजीर्ण ९०- पे.क्र. १६, पृ. ?, कल्पसूत्रादि अनेक प्रकीर्णक ग्रन्थों के छूटक पन्ने, संपूर्ण पे. विशेष- संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र ९९-१०० पर है. प्रत विशेष- त्रुटक-अव्यवस्थित. कुल झे.पृष्ठ-१४४, डीवीडी-५८/६० षड्विधावश्यकप्रक्रम जुओ - सिद्धपूजाप्रक्रम, नैवेद्यप्रक्रम, प्रदीपारात्रिकप्रक्रम, पूजाप्रक्रम, मातरपूजाप्रक्रम, स्थापनाचार्यप्रक्रम, षड्विधावश्यकप्रक्रम, आर्यिकाप्रक्रम, संस्कृत,प्राकृत षड्विधावश्यकविवरण आचार्य-हेमचन्द्रसूरि, सं., पद्य, श्लोक१३००, कृ.विः योगशास्त्रान्तर्गत तृतीय प्रकाशान्तर्गत. पातासंघवी १०६-२, पृ. १३५, षड्विधावश्यकविवरण, वि-१२९५, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ३१ नथी. डीवीडी-३३/५१ षण्णवति जिनस्तवन (जिनस्तवन षण्णवति), (९६ जिनस्तवन) आचार्य-महेन्द्रसिंहसूरि, गुरु-आचार्य-धर्मघोषसूरि, सं., पद्य, का.२९, आदि वाक्यः सच्चक्रलोचनसुधाञ्जन... पाकाहेम ९०२- पे.क्र. ३६, पृ. २२२-२२४, ओघनियुक्ति आदि अनेक प्रकीर्णक-प्रकरण-कुलक-स्तोत्रसङ्ग्रह, संपूर्ण कुल झे.पृष्ठ-३१ षष्टिशतकप्रकरण (सट्ठीसयप्रकरण), (सट्ठीसयपगरण) गणि-जिनवल्लभ, प्रा., पद्य, पाकाहेम १०६२८, पृ. ३१, षष्टिशतकप्रकरण बालावबोधसहित, वि-१६मी, संपूर्ण षष्टिशतकप्रकरण-(मा.गु.)बालावबोध आचार्य-सोमसुन्दरसूरितिपागच्छ], मारुगूर्जर, गद्य, ग्रं.१४९६, पाकाहेम १०६२८, पृ. ३१, षष्टिशतकप्रकरण बालावबोधसहित, वि-१६मी, संपूर्ण षष्टिशतकप्रकरण-(मा.गु.)बालावबोध आचार्य-सोमसुन्दरसूरितिपागच्छ], मारुगूर्जर, गद्य, ग्रं.१४९६, पाकाहेम १०६२८, पृ. ३१, षष्टिशतकप्रकरण बालावबोधसहित, वि-१६मी, संपूर्ण षष्टिशतप्रकरण (सट्ठिसयप्रकरण), (सट्ठीसयप्रकरण) जैनश्रावक-नेमिचन्द्र भण्डारी, प्रा., पद्य, गा.१६०, पाकाहेम ११०९०, पृ. ४, सट्ठिसयप्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६मी, संपूर्ण पाकाहेम १५२६९, पृ. ६, षष्टिशतप्रकरण, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- गाथा-१६१. कुल झे.पृष्ठ-७ षष्टिशतप्रकरण-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, पाकाहेम ११०९०, पृ. ४, सट्ठिसयप्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६मी, संपूर्ण षष्टिशतप्रकरण-(सं.)अवचूरि सं., गद्य, पाकाहेम ११०९०, पृ. ४, सट्ठिसयप्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६मी, संपूर्ण षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ जुओ - सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ , ऋषि-चन्द्रर्षि महत्तर, प्राकृत, गा.९१ षोडश स्वप्न विचार जुओ - व्यवहारचूलिका षोडश स्वप्न विचार, 755

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