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कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- पत्र ३-८ नथी.
डीवीडी-३२/५० पातासंघवी १००, पृ. २९५, त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र २-३ पर्व, वि-१३०३, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-३३/५१ पातासंघवी ४-१, पृ. १६८, त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र दशमपर्व (महावीर चरित्र), वि-१३७२, प्रतिपूर्ण
प्रत विशेष- प्रथम त्रण पत्रना टुकडा छे.
डीवीडी-२०/३९ पातासंघवी ५४-१, पृ. २२०, त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र दशमपर्व (श्री महावीरचरित्र), वि-१२९४, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- पत्र १०-११-१३-१४-१८-१२१-१३८-१३९-१८६-१९१ नथी. २१८ त्रुटक छे. कुमारपालनी ने
२२०मां देवीनी मूर्ति चीतरेली छे. (श्रीदेवी श्राविका)
डीवीडी-२९/४७ पातासंघवी ६५-३, पृ. १९६, त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्रे नवम पर्व, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-३०/४९ पातासंघवी ११९-१, पृ. ३४१, त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र अष्टमपर्व, वि-१२७५, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-४९१४. , विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. मूलपत्र-३३८ पछीना अलगथी ३ पत्रो आमां
नथी. झेरोक्ष पत्र ८,४६, ६२ अने १६७ नथी तथा १६६ बेवडाएल छे.
कुल झे.पृष्ठ-१७१, डीवीडी-३४/५२ पातासंघवी १४२-१- पे.क्र. १, पृ. १-१४६, त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र पञ्चम पर्व (श्री शान्तिनाथ चरित्र) आदि,
प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका.
डीवीडी-३५/५३ पातासंघवी १७९-१- पे.क्र. ३. पृ. १६९-१७३, योगशास्त्र चतुःप्रकाशान्तर्गतसुभाषितसमुच्चय आदि, प्रतिपूर्ण पे. नाम- त्रिषष्टीय महावीरचरित्रान्तर्गत हस्तिपालस्वप्न, पे. विशेष- श्लोक-३४.
डीवीडी-३६/५४ पाताहेसं २४- पे.क्र.२, पृ. १-११९, पाक्षिकसूत्रवृत्ति व त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र - द्वितीय पर्व, वि-१३२७, संपूर्ण पे. विशेष- प्रतिपूर्ण., झेरोक्ष पत्र ६९-१८२., अंतिम सर्ग की श्लोकसंख्या ६९२ से अंत तक एवं बीच-बीच में
भी अनुपूरित पाठ लिखकर विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका दी गयी है., आचार्य हरिषेणसूरिजीने इस प्रति
को पढा. प्रत विशेष- दो प्रतों को एक साथ रखी गयी है. दोनो का पत्रानुक्रम स्वतंत्र है तथा झेरोक्ष पत्रानुक्रम
क्रमशः दिया गया है.
कुल झे.पृष्ठ-१८२, डीवीडी-३/१३ पाताहेसं ४५, पृ. ३२१, त्रिषष्टिशलाकापुरूषचरित्र ७-८-९ पर्व, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र १थी १६१ अष्टम पर्व, १६२थी १९७ नवम पर्व, १८ थी ३२१ सप्तम पर्व.
डीवीडी-५/१५ पाताहेसं ४६, पृ. २०३, त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र १० मुं पर्व, वि-१३६८, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका.
डीवीडी-५/१५ पाताहेसं ५१- पे.क्र. २, पृ. ?, योगशास्त्रस्वोपज्ञविवरण आदि अनेक ग्रन्थोनां पानां, त्रुटक पे. नाम- त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र- पर्व ८, पे. विशेष- त्रुटक. झेरोक्ष पत्र-२५-४४, ४९-५६. पत्रानुसन्धान
असम्बद्ध है.
कुल झे.पृष्ठ-१०६, डीवीडी-६/१५ पातासं ५५, पृ. १२०, त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र द्वितीय पर्व, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-६/१५ पाताहेसं ६१, पृ. १०३, त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र प्रथम पर्व ऋषभदेवचरित्र, प्रतिपूर्ण
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